रांची, झारखंड: CM Hemant Soren: झारखंड में गरीबी की एक दुखद घटना सामने आई है, जहां पलामू जिले के एक दंपति ने आर्थिक तंगी से मजबूर होकर अपने एक महीने के बच्चे को 50 हजार रुपये में बेच दिया था।
मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तुरंत संज्ञान लिया और पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद, पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया है और उसे उसके माता-पिता को वापस सौंप दिया गया है।
लाचारी की कहानी: गरीबी और बेरोजगारी
यह घटना पलामू जिले के लेस्लीगंज क्षेत्र की है। बच्चे के पिता रामचंद्र राम ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से बेरोजगार हैं और उनके पास पत्नी के इलाज या बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम करने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा कि उनका परिवार एक टीन के छप्पर के नीचे रहने को मजबूर है, क्योंकि भारी बारिश में उनकी झोपड़ी गिर गई थी। इसी मजबूरी में उन्होंने अपने नवजात बेटे को बेचने का फैसला किया था।
रामचंद्र, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले हैं, पिछले 15 सालों से झारखंड के लोटवा गांव में रह रहे हैं। परिवार के पास आधार कार्ड या राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज नहीं थे, जिसके कारण वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे।
CM Hemant Soren का हस्तक्षेप और पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन
मामला उजागर होने के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। लेस्लीगंज पुलिस ने एक टीम लातेहार भेजी, जहां से बच्चे को बरामद किया गया। पुलिस अधिकारी उत्तम कुमार राय ने बताया कि टीम ने बच्चे को सुरक्षित वापस लाने के लिए तेजी से काम किया।
जिला प्रशासन ने भी परिवार को मदद पहुंचाई है और 20 किलो राशन दिया है, ताकि उनकी तात्कालिक जरूरतें पूरी हो सकें।