Prashant Kishor के खिलाफ मुजफ्फरपुर की कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। आरोप है कि पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान प्रशांत किशोर ने उन्हें धमकाया और भड़काया।
यह केस लड्डू सहनी नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराया गया है। कोर्ट ने मामले को स्वीकार करते हुए 10 जनवरी 2025 को सुनवाई की तारीख तय की है।
Prashant Kishor: धारा के तहत लगे आरोप
लड्डू सहनी के वकील प्रकाश कुमार ने जानकारी दी कि प्रशांत किशोर पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 115(2), 61(1), 191(1), 318(4), और 316(2) के तहत आरोप लगाए गए हैं। आरोपों के मुताबिक, बीपीएससी के परीक्षार्थी शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे, लेकिन प्रशांत किशोर ने उन्हें धमकाने और बरगलाने का काम किया।
यह भी पढ़े: लाठीचार्ज के बाद Prashant Kishor पर सवाल, वायरल वीडियो का सच और उनकी प्रतिक्रिया
Prashant Kishor का पक्ष
प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर हैं। उन्होंने कहा है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों से मुलाकात नहीं करते। प्रशांत किशोर ने प्रशासन पर छात्रों की मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
बीपीएससी परीक्षार्थियों का यह प्रदर्शन उनकी मांगों और अधिकारों को लेकर है। प्रशांत किशोर के समर्थन के बावजूद उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। अब अदालत में होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।