Jharkhand में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में धीमी गति ने राज्य सरकार को चिंतित कर दिया है।
रांची सहित पांच जिलों में कृषि योजनाओं की सुस्ती पर कृषि मंत्री Shilpi Neha Tirkey ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को फाइनल चेतावनी देते हुए योजनाओं को तेज़ी से लागू करने के निर्देश दिए।
Jharkhand News: कृषि योजनाओं में सुस्ती का कारण
पिछले कुछ महीनों में रांची, रामगढ़, लोहरदगा, गुमला और हजारीबाग जिलों में कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में धीमापन देखा गया। इसके मुख्य कारण हैं:
- कार्य की मॉनिटरिंग की कमी: योजनाओं की निगरानी और नियमित समीक्षा नहीं होने से उनकी प्रगति बाधित हो रही है।
- संसाधनों की कमी: किसानों तक आधुनिक तकनीक और संसाधन पहुंचाने में देरी हो रही है।
- कार्यालयों की लापरवाही: जिला स्तर के अधिकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उदासीन नजर आ रहे हैं।
- कमीशन और फंड की समस्या: कई जगहों पर योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का सही उपयोग नहीं किया गया।
Jharkhand News: कृषि मंत्री की सख्त चेतावनी
समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने अफसरों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर योजनाओं में जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा,
“सरकार किसानों के लिए योजनाएं बनाती है, ताकि उनकी आय और जीवनस्तर में सुधार हो। अगर इन योजनाओं को समय पर लागू नहीं किया जाएगा, तो इसका नुकसान सीधे किसानों को होगा, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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प्रमुख योजनाओं की स्थिति
1. मुख्यमंत्री हरित कृषि योजना
इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती और आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाना था। हालांकि, इन पांच जिलों में योजना की प्रगति धीमी रही।
- स्थिति: किसानों को प्रशिक्षण और जैविक उर्वरकों की आपूर्ति में देरी हो रही है।
2. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्रदान करनी थी। लेकिन जल स्रोतों के विकास और पंप सेट की आपूर्ति में लापरवाही के कारण किसान अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।
- स्थिति: कई जिलों में सिंचाई के साधन अधूरे हैं।
3. फसल बीमा योजना
फसल बीमा योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को सुरक्षा देना था। लेकिन सुस्ती के चलते कई किसान बीमा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
- स्थिति: बीमा आवेदन और क्लेम प्रक्रिया में बाधाएं हैं।
मंत्री ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
कृषि मंत्री ने अफसरों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत इन योजनाओं में सुधार लाएं और किसानों तक उनका लाभ पहुंचाएं।
- साप्ताहिक समीक्षा: प्रत्येक जिले में योजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
- फील्ड विजिट: अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे खुद फील्ड में जाकर किसानों से मिलें और उनकी समस्याएं समझें।
- जिम्मेदारी तय करना: लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
- किसानों को जोड़ना: योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और किसानों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
Jharkhand: किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों का कहना है कि योजनाओं का लाभ न मिलने से वे निराश हैं। एक किसान ने कहा,
“हमें सरकारी योजनाओं से बहुत उम्मीद थी, लेकिन समय पर कोई मदद नहीं मिलती। अगर योजनाएं सही तरीके से लागू हों, तो हमें खेती में बहुत फायदा हो सकता है।”
आगे की रणनीति
राज्य सरकार ने योजनाओं को पटरी पर लाने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को एक महीने का समय दिया है, जिसमें उन्हें योजनाओं की प्रगति दिखानी होगी।
- डिजिटल मॉनिटरिंग: सभी योजनाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ट्रैक किया जाएगा।
- कृषि हेल्पलाइन: किसानों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।