Prashant Kishor: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ अनशन कर रहे प्रशांत किशोर ने अपना अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया है।
बुधवार को पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती प्रशांत किशोर से BPSC अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और उनसे अनशन तोड़ने की अपील की। लेकिन प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अनशन जारी रखेंगे।
सरकार से बातचीत की तैयारी
जन सुराज पार्टी के नेताओं और BPSC अभ्यर्थियों का एक दल बुधवार शाम को बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात करेगा। इसमें परीक्षा में कथित धांधली की जांच, परीक्षा दोबारा कराने और अन्य मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इससे पहले 29 दिसंबर को भी जन सुराज पार्टी और अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की थी, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई।
अनशन पर Prashant Kishor
प्रशांत किशोर 2 जनवरी से अनशन पर हैं। सोमवार को पटना के गांधी मैदान में अनशन के दौरान उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया और उसी दिन जमानत पर रिहा कर दिया। अनशन के छठे दिन, मंगलवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है।
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Prashant Kishor का संकल्प
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी लड़ाई छात्रों और युवाओं के भविष्य के लिए है। जब तक सरकार परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं करती और मांगों को मान नहीं लेती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। जन सुराज पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए यह संदेश साझा किया है कि प्रशांत किशोर अपने रुख पर अडिग हैं और इसे न्याय की लड़ाई बताया।
सरकार पर दबाव बढ़ा
प्रशांत किशोर के अनशन के बाद सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ पार्टी के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगें मानना सरकार की जिम्मेदारी है। इस बीच, प्रशांत किशोर की हालत को लेकर समर्थकों और छात्रों के बीच चिंता बढ़ गई है।