जन सुराज पार्टी के सूत्रधार Prashant Kishor की वैनिटी वैन इन दिनों विवादों में है। पटना जिला प्रशासन ने वैनिटी वैन में गड़बड़ियों की आशंका जताते हुए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) से इसकी जांच कराने का फैसला किया है।
Prashant Kishor: क्या है मामला?
प्रशांत किशोर को बीपीएससी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ अनशन करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ गांधी मैदान से उनकी वैनिटी वैन भी पुलिस ने जब्त की थी। जमानत के बाद भी वैनिटी वैन की जांच जारी है।
- चेसिस नंबर पर सवाल: प्रारंभिक जांच में वैनिटी वैन के चेसिस नंबर में छेड़छाड़ की आशंका जताई गई है। इसके सत्यापन के लिए FSL टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन: वैनिटी वैन का रजिस्ट्रेशन पंजाब के संगरूर में हुआ था। इसे 2011 में खरीदा गया और 2017 में रजिस्ट्रेशन कराया गया।
- गड़बड़ी का आरोप: वैनिटी वैन का उपयोग व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन पर किया गया, जबकि इसे व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था।
Prashant Kishor: प्रशासन की जांच के बिंदु
- रोड टैक्स और खरीदारी की जानकारी: वैनिटी वैन का रोड टैक्स और कीमत से संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है।
- चेसिस नंबर की फॉरेंसिक जांच: FSL टीम यह पता लगाएगी कि चेसिस नंबर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ हुई है या नहीं।
- ड्राइवर की वैधता: वैनिटी वैन का ड्राइवर अवधेश पासवान अपना ड्राइविंग लाइसेंस प्रस्तुत करने में असफल रहा।
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राजनीतिक कनेक्शन
वैनिटी वैन का स्वामित्व पप्पू सिंह के पास होने की बात सामने आई है। पप्पू सिंह 2004-05 में पूर्णिया से भाजपा सांसद रह चुके हैं और 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन
- वैनिटी वैन के स्वामी ने इसे दूसरे राज्य (बिहार) में उपयोग के लिए स्थानीय परिवहन विभाग को सूचित नहीं किया।
- मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, ऐसी जानकारी देना अनिवार्य है।
आगे की कार्रवाई
जिला प्रशासन ने वैनिटी वैन की कुंडली खंगालने के लिए FSL जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद ही प्रशासन आगे की कार्रवाई तय करेगा।
यह मामला न केवल प्रशासनिक गड़बड़ियों को उजागर करता है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा रहा है।