झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Raghubar Das ने शुक्रवार को फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ली। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि छह महीनों में हेमंत सोरेन की सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती, तो बीजेपी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।
कार्यकर्ताओं में जोश भरने का आह्वान
पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में रघुवर दास ने कार्यकर्ताओं को 2025 के चुनावों के लिए “फिट एंड फाइटर” की तरह काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “वी विल कम सून…” उनकी इस घोषणा ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।
राजनीति में वापसी के संकेत
रघुवर दास ने 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत दिए थे। ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद, उन्होंने शुक्रवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। राज्य मुख्यालय में उनका स्वागत प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ और सैकड़ों समर्थकों ने किया।
2024 की हार पर आत्मचिंतन: Raghubar Das
रघुवर दास ने 2024 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार पर चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी ने मेहनत की, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। उन्होंने कहा कि जनता ने गठबंधन सरकार को जनादेश दिया, जिसका वह सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार को अपने वादे पूरे करने होंगे।
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सियासत में हलचल और अटकलें तेज
दास ने साफ किया कि यदि सरकार अपने वादे पूरे करने में विफल रहती है, तो बीजेपी जनता के लिए संघर्ष करेगी। उनके इस रुख से झारखंड की राजनीति में हलचल और अटकलें तेज हो गई हैं।
झारखंड में बीजेपी की चुनौती
2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड में बीजेपी को झटका लगा था। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी केवल 21 सीटों तक सिमट गई। अब रघुवर दास की वापसी से पार्टी के अंदर नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।
भविष्य की रणनीति
रघुवर दास की सदस्यता ग्रहण करने और उनके चेतावनी भरे बयान से साफ है कि बीजेपी झारखंड में विपक्ष की भूमिका को मजबूत करने और अगले चुनावों में वापसी की तैयारी में जुट गई है।