रांची: 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में, 7 मई से 10 मई के बीच चलाए गए भारत के ‘Operation Sindoor’ की रणनीति को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने एक बड़ा खुलासा किया है। रांची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने बताया कि सेना ने हमले के लिए आधी रात का समय (रात 1:00 से 1:30 बजे) क्यों चुना था।
Operation Sindoor: आधी रात को हमले के दो मुख्य कारण
सीडीएस अनिल चौहान ने स्पष्ट किया कि हमला करने का सबसे अच्छा समय सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच होता है, जब दिन की रोशनी शुरू होती है और ऑपरेशनल विजिबिलिटी अच्छी होती है। इसके बावजूद, रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच हमला करने के दो महत्वपूर्ण कारण थे:
- सैटेलाइट निगरानी से बचना: सीडीएस ने बताया कि रात 1:30 बजे का समय सबसे अंधेरे वाला होता है। इस समय सैटेलाइट तस्वीरें लेना, फोटो खींचना और हमले के सबूत इकट्ठा करना सबसे मुश्किल होता। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि भारतीय सेना को अपनी इमेजिंग क्षमताओं पर पूरा भरोसा था कि वे रात में भी तस्वीरें ले सकते हैं।
- नागरिकों को खतरे से बचाना: सबसे महत्वपूर्ण कारण नागरिकों को किसी भी तरह के खतरे से बचाना था। उन्होंने कहा, “अगर हमला सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच होता, तो उस समय बहावलपुर और मुरीदके में पहली अजान या पहली नमाज होती है, जिससे आवाजाही बढ़ जाती। इससे कई नागरिक मारे जा सकते थे। हम उससे बचना चाहते थे, इसीलिए हमने 1:00 से 1:30 बजे के बीच का समय चुना।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी रुका है, बंद नहीं
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों से लेकर एयरबेस तक को तबाह कर दिया था। हालांकि यह ऑपरेशन फिलहाल रोका गया है, लेकिन भारतीय रक्षा मंत्री और सेना के शीर्ष अधिकारी कई मंचों से यह स्पष्ट कर चुके हैं कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी हिमाकत का माकूल जवाब दिया जाएगा।
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