Jharkhand: सीता भाभी पर हमला BJP में शामिल होने का साइड इफेक्ट– मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान

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Jharkhand की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राज्य के मंत्री इरफान अंसारी ने हाल ही में दिए अपने बयान में सीता साहू पर हुए हमले को लेकर बड़ा दावा किया है।

उन्होंने कहा कि यह हमला भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का साइड इफेक्ट है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। विपक्ष ने इस बयान को भड़काऊ बताया, जबकि सत्तारूढ़ दल के नेता इसे सच के करीब मान रहे हैं।

Jharkhand: क्या है पूरा मामला?

दरअसल, झारखंड के गिरिडीह जिले की बीजेपी नेत्री सीता साहू पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया था। घटना के तुरंत बाद बीजेपी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और सरकार पर कानून-व्यवस्था संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया। लेकिन इसके बाद झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी का बयान आया, जिसने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया।

Jharkhand News: इरफान अंसारी का विवादित बयान

मंत्री इरफान अंसारी ने कहा –

“बीजेपी में शामिल होने का साइड इफेक्ट है यह हमला। जो लोग विपक्ष में जाकर बैठते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि वे किन हालातों में फंस सकते हैं। बीजेपी सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है, लेकिन सुरक्षा देने की जिम्मेदारी नहीं निभाती।”

उनके इस बयान से साफ है कि वे बीजेपी को ही इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, न कि सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए उनका इस्तेमाल करना चाहिए।

बीजेपी ने क्या कहा?

इरफान अंसारी के इस बयान पर झारखंड बीजेपी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि –

“सरकार अपनी विफलता छुपाने के लिए इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रही है। अगर राज्य में कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं है, तो यह सीधे-सीधे प्रशासन की नाकामी दर्शाता है।”

बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं को डराने के लिए ऐसे हमलों को बढ़ावा दे रही है।

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क्या यह हमला राजनीति से जुड़ा है?

सीता साहू पर हुए हमले के पीछे के असली कारणों की जांच अभी जारी है, लेकिन इस घटना को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

  • बीजेपी इसे राजनीतिक हिंसा का नाम दे रही है और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
  • दूसरी ओर, सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेता इसे आंतरिक गुटबाजी और व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा मान रहे हैं।

जांच में क्या सामने आएगा?

फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी हो रही है। हालांकि, इरफान अंसारी का बयान इस मामले को और भी विवादास्पद बना रहा है।

झारखंड की राजनीति में इस हमले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। एक तरफ बीजेपी इसे सरकार की नाकामी बता रही है, तो दूसरी ओर मंत्री इरफान अंसारी इसे बीजेपी में शामिल होने का “साइड इफेक्ट” कह रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस की जांच क्या निष्कर्ष निकालती है और इस मामले का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।

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