झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में Hemant Soren ने जबसे पार्टी की बागडोर दोबारा संभाली है, पूरे राज्य की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है।
जेल से रिहा होने के बाद वे पहली बार रांची स्थित झामुमो मुख्यालय पहुंचे, जहाँ कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने भावुक होकर न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि पार्टी को और मज़बूत बनाने का संकल्प भी लिया।
भावुक दिखे Hemant Soren, बोले – संघर्ष से नहीं डरते
हेमंत सोरेन ने कहा, “हमारे पुरखों ने जो संघर्ष किया, वह हमारी प्रेरणा है। मैं जेल से डरकर नहीं आया हूँ, बल्कि और अधिक मज़बूती और संकल्प के साथ लौटा हूँ।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि झामुमो सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा है। “हमारी पार्टी की जड़ें मिट्टी से जुड़ी हैं और जब तक एक भी कार्यकर्ता खड़ा है, झामुमो को कोई कमजोर नहीं कर सकता,” उन्होंने कहा।
संगठन को मजबूत करने का संकल्प
अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने कहा कि पार्टी को ज़मीनी स्तर से और मजबूत किया जाएगा। “अब वक्त है कि हम संगठन के हर स्तर पर मजबूती से काम करें। आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए हम हर बूथ तक अपनी ताकत दिखाएंगे।” उन्होंने युवाओं, महिलाओं और आदिवासी समाज के लोगों को झामुमो से जोड़ने की अपील की।
यह भी पढ़े: राम विलास +2 उच्च विद्यालय बेरमो में लगातार हो रही है चोरी
राजनीतिक साजिशों का किया ज़िक्र
हेमंत सोरेन ने बिना नाम लिए भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन सच्चाई की जीत हुई। “ये राजनीतिक साजिशें हमें तोड़ नहीं सकतीं। हमारे हौसले पहले से ज्यादा बुलंद हैं,” उन्होंने आत्मविश्वास से कहा।
कार्यकर्ताओं को दी नई दिशा
झामुमो कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हर कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ है। “आपका संघर्ष ही झारखंड की पहचान है। आज जो सम्मान मुझे मिला है, वह आपके कारण ही संभव है।” उन्होंने सभी से संगठित रहने और जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष करते रहने का आह्वान किया।
नया अध्याय लिखने की तैयारी
हेमंत सोरेन का यह दौरा केवल एक प्रतीकात्मक यात्रा नहीं था, बल्कि यह झामुमो के नए दौर की शुरुआत का संकेत भी था। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में संगठन में बड़े बदलाव संभव हैं और हेमंत खुद इसकी कमान संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हेमंत सोरेन ने न केवल भावनात्मक रूप से कार्यकर्ताओं से जुड़ने की कोशिश की, बल्कि उन्होंने एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश भी दिया—झामुमो अब और अधिक मजबूती से आगे बढ़ेगा, और राज्य की राजनीति में उसका असर और गहराएगा।