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Sharad Purnima 2025: भक्ति, स्वास्थ्य और चंद्र-आराधना का पर्व

On: October 6, 2025 1:14 PM
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Sharad Purnima 2025: भक्ति, स्वास्थ्य और चंद्र-आराधना का पर्व
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Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

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ऐसा माना जाता है कि इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जाग्रत भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इसलिए इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। इसी रात भगवान कृष्ण ने प्रेम और भक्ति के प्रतीक वृंदावन में गोपियों के साथ दिव्य रास लीला रचाई थी।

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपने पूर्ण वैभव पर होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृत के समान गुण होते हैं। इसी कारण लोग खीर या दूध को खुले आसमान के नीचे रखकर उसे चांदनी में ठंडा होने देते हैं और फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यह परंपरा आयुर्वेदिक दृष्टि से भी लाभकारी मानी जाती है।

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इस दिन देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। भक्त व्रत रखते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने घर में समृद्धि, शांति और सौभाग्य की कामना करते हैं।

शरद पूर्णिमा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, यह प्रकृति, भक्ति और स्वास्थ्य का अनूठा संगम है। यह रात चंद्रमा की शीतलता और भक्ति की ऊष्मा का एक सुंदर मिलन है।

Pushpanjali

Pushpanjali was born and brought up in Bihar. She writes news in entertainment, sports and politics. He has 2 years of work experience in news writing.

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