Bettiah News: मझौलिया प्रखंड क्षेत्र 4 जनवरी को आए विनाशकारी तूफ़ान, बारिश और तूफान से अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाया है। सबसे ज़्यादा नुकसान मझौलिया चीनी मिल को हुआ है। मिल के अंदर हज़ारों रुपए के उपकरण पानी में डूब गए हैं।
चीनी मिल के स्टोर, फ़ैक्टरी परिसर, बाबू क्वार्टर्स आवासीय कॉलोनी और फिटर क्वार्टरों से पानी पंप करके निकाला जा रहा है। पंपिंग सेट और मोटर भी प्रभावित हुए हैं। कंपनी के कंप्यूटर और बिजली उत्पादन प्रणालियाँ पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं।
फैक्ट्री मैनेजर लाभांशु कुमार दीक्षित ने बताया कि क्षति का आकलन किया जा रहा है। मझौलिया के प्रगतिशील किसान मुरारी शुक्ल ने बताया कि पिछले पैंतीस वर्ष में ऐसा कोई भीषण तूफान उन्होंने पहले नहीं देखा। इस आपदा ने सैकड़ों एकड़ धान व गन्ना की फसल को तहस-नहस कर दिया है।
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आवासी कॉलनी की स्थिति भी बहुत गंभीर है। लगभग चालीस परिवार जलजमाव से त्रस्त होकर पलायन कर चुके हैं। कर्मचारियों की लाखों रुपये की घरेलू सामग्री जैसे फ्रिज, कूलर, सोफा, अलमारी, बाइक आदि पानी में तैरती पाईं गई।
सिविल इंजीनियर विजय पांडेय ने बताया कि अगले दो‑तीन दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है। इस प्राकृतिक आपदा ने चीनी मिल के कई कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रभावित किया है। जिनका नाम सामने आया है उनमें इंजीनियर कृष्णा कुमार, शिवजी यादव, पीएफ एक्जीक्यूटिव सर्वेश श्रीवास्तव, रिकॉर्डकीपर सत्यम कुमार, सेल्स एक्जीक्यूटिव संजय अग्रवाल, एकाउंट्स एक्जीक्यूटिव मनोज कुमार, धंजीव श्रीवास्तव, असिस्टेंट केन मैनेजर अनिल कुमार तिवारी, छोटू दुबे, प्रभात तिवारी, प्रभात कुमार मिश्रा, सेफ्टी ऑफिसर गोविंद चौधरी और ईडीपी मैनेजर रामचंद्र यादव शामिल हैं।