Ranchi: Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के एक फैसले ने राज्य भर के होमगार्ड जवानों में असंतोष की लहर फैला दी है।
मामला सरकारी अस्पतालों से होमगार्डों को हटाकर उनकी जगह निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्डों को नियुक्त करने का है। इस फैसले का विरोध करते हुए झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है और आंदोलन की चेतावनी दी है।
Jharkhand: होमगार्डों के साथ अन्याय का आरोप
एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि मुखर्जी और प्रदेश महासचिव राजीव कुमार तिवारी ने आरोप लगाया कि प्रशिक्षित होमगार्ड जवान पहले से ही रिम्स जैसे संस्थानों में तैनात हैं, फिर भी उनकी संख्या में कटौती कर निजी सुरक्षा कर्मियों को लगाना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने इसे होमगार्ड जवानों के सम्मान और रोजगार पर चोट बताया।
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Jharkhand: रिम्स से शुरू हुआ बदलाव, पूरे राज्य में हो सकता है लागू
विवाद की शुरुआत रिम्स से हुई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इसी मॉडल को राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी लागू किया जा सकता है। एसोसिएशन ने साफ कहा है कि अगर यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर होंगे।
सरकारी आदेश की अनदेखी का आरोप
राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि 2021 में राज्य सरकार और एसोसिएशन के बीच यह सहमति बनी थी कि सभी सरकारी विभागों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों में सुरक्षा का कार्य होमगार्ड जवानों से ही लिया जाएगा। इस आशय की अधिसूचना भी सरकार द्वारा जारी की गई थी। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री का यह नया आदेश न केवल पूर्व सहमति के खिलाफ है बल्कि सरकारी आदेश की भी अवहेलना है।
होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया, तो वे व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।