Ranchi: Jharkhand में पलामू एवं चतरा लोकसभा सीट आरजेडी के हिस्से में जाना लगभग तय हो गया है. आरजेडी अब दोनों सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रही है.
झारखंड सरकार के छात्र से कौशल विकास से उद्योग मंत्री सत्यानंद भोगता एवं पलामू से ममता भुइयां को प्रत्याशी बनाया जाएगा. दोनों प्रत्याशियों को मी पार्टी ने हरी झंडी दे दी है. दोनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होली पर के पश्चात होने की उम्मीद है. मंत्री सत्यानंद भोगता ने स्वयं इसकी पुष्टि की है.
Jharkhand: हाईकमान से मिले हैं चुनाव लड़ने के निर्देश: सत्यानंद भोगता
मीडिया से बातचीत में सत्यानंद भोगता ने बताया की चुनाव लड़ने का निर्देश हाई कमान ने दिया है और इस निर्देश के मिलते ही तैयारी भी शुरू कर दी गई हैं. अगर ऐसा होता है तो चित्र संसदीय क्षेत्र के लिए यह ऐलान अप्रत्याशित एवं ऐतिहासिक होगा.
छात्र की सामान्य सीट से पहली बार ही किसी जनाधार पार्टी का प्रत्याशी अनुसूचित जनजाति का होगा. इससे पूर्व मंत्री भगत अनुसूचित जाति की श्रेणी में आते थे परंतु साल 2022 में केंद्र सरकार ने सत्यानंद भोगता समाज को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित कर दिया है.
अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित होने के पश्चात उनके राजनीतिक भागीदारी एक तरह से समाप्त हो गई क्योंकि राष्ट्रपति से विधायक की मंजूरी मिलने के कुछ सीमा के पश्चात झारखंड में पंचायत के चुनाव हुए थे. इस चुनाव में भोगता जाति की भागीदारी नहीं हुई थी. इसकी वजह यह थी कि अनुसूचित जनजाति की सिम सुरक्षित नहीं थी.
इसी तरह से सिमरिया, लातेहार एवं छात्र विधानसभा चुनाव में भोगता समाज का कोई व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बन सकता है. अनुसूचित जाति के लिए तीन विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित हैं. सिमरिया एवं छात्र विधानसभा क्षेत्र में बीते चार दशकों से भोगता समाज की ही सक्रियता रही है. यदि चित्र संसदीय क्षेत्र से आरजेडी की ओर से सत्यानंद भोगता को प्रत्याशी बनाया गया तो अप्रत्याशित के साथ ही यह ऐतिहासिक भी होगा.
सत्यानंद भोगता इन सीटों पर आजमा चुके हैं अपनी किस्मत
मंत्री सत्यानंद भोगता चतरा विधानसभा क्षेत्र से चार बार मंत्री एवं तीन बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. वर्ष 2002 एवं 2005 के चुनाव में बीजेपी से निर्वाचित हुए थे. यहां वे दोनों बार मंत्री बने. वर्ष 2009 में क्षेत्र बदल लिए एवं सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र सिमरिया से अपना भाग्य समय परंतु वहां वे असफल रहे.
साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था जिसके परिणाम स्वरूप वह पार्टी छोड़कर झाविमो में चले गए. यहां वे सफल नहीं हुए. इसी तरह 2019 में लोकसभा चुनाव में मंत्री सत्यानंद भोगता झाविमो छोड़कर आरजेडी में सम्मिलित हो गए एवं विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री भी बने.