Hazaribagh: झारखंड उच्च न्यायालय में प्रोन्नती के एक केस में तथ्य छुपाने पर हजारीबाग की Vinoba Bhave University के वीसी एवं रजिस्टर को शोकाॅज जारी किया गया है.
कोर्ट ने दोनों से पूछा है कि प्रार्थी के प्रोन्नती के केस में जेपीएससी से सहमति मिलने के पश्चात भी कोर्ट में तथ्य छुपा कर शपथ पत्र क्यों दाखिल किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.
इसके संबंध में डॉ. पवन कुमार सिंह ने अर्जी दाखिल की वह मरकाम कॉलेज हजारीबाग में पदस्थापित है. उन्होंने उच्च न्यायालय में लेक्चर सीनियर स्केल और रीडर के पद पर प्रोन्नति के लिए याचिका दाखिल की है.
Vinoba Bhave University: ‘जेपीएससी ने भी सहमति नहीं दी’
सनी के चलते Vinoba Bhave University की तरफ से अदालत को बताया गया कि पवन कुमार सिंह की प्रोन्नति को लेकर जेपीएससी ने अभी सहमति नहीं दी है. उनके प्रमोशन का केस अभी जेपीएससी के पास ही है. इस पर प्रार्थी की तरफ से न्यायालय के सक्षम दस्तावेज दिखाते हुए कहा गया कि प्रार्थी को प्रोन्नति लेक्चर सीनियर स्केल और रीडर पद पर प्रोन्नति के लिए जेपीएससी से सहमति मिल चुकी है.
मारखम कॉलेज हजारीबाग के प्राचार्य को पवन कुमार को प्रोन्नति देने को लेकर कदम उठाना है परंतु वह जानबूझकर इस केस में कदम नहीं उठा रहे हैं. अदालत ने प्रार्थी का पक्ष जानने के पश्चात विनोबा भावे अदालत ने प्रार्थी का पक्ष जानने के पश्चात विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार को तथ्य छुपा कर शपथ पत्र दाखिल करने के संबंध में शोकाॅज जारी किया है.