Bihar में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्यों पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार के पास मनरेगा की सामग्री मद में 3500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है। इस वित्तीय अभाव के कारण कई जिलों में कार्य बाधित हो रहे हैं या पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
Bihar news: मंत्री श्रवण कुमार ने लिखा केंद्र को पत्र
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस समस्या को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि बकाया राशि के भुगतान में देरी से राज्य में मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्य रुक गए हैं, जिससे न केवल परियोजनाओं पर असर पड़ा है, बल्कि ग्रामीण श्रमिकों की आजीविका भी खतरे में आ गई है।मंत्री ने अपने पत्र में केंद्र से आग्रह किया है कि वह शीघ्र अति शीघ्र बकाया राशि का भुगतान करे ताकि राज्य में रोजगार गारंटी योजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
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Bihar News: कई जिलों में काम पूरी तरह रुका
जानकारी के अनुसार, बिहार के कई जिलों में मनरेगा के तहत शुरू किए गए निर्माण कार्य जैसे सड़क निर्माण, तालाब खुदाई और जल संरक्षण योजनाएं अधर में लटक गई हैं। कई स्थानों पर मजदूरों को कई सप्ताह से मजदूरी भी नहीं मिली है, जिससे उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जब तक केंद्र से फंड रिलीज नहीं होता, तब तक नए कार्यों की शुरुआत भी संभव नहीं होगी।
Bihar: श्रमिकों में बढ़ रही नाराजगी
ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के बीच इस स्थिति को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है। कई मजदूर संगठनों ने सरकार से जल्द समाधान की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि मनरेगा जैसी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और अगर इसमें व्यवधान उत्पन्न होता है तो ग्रामीण जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
केंद्र की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। बिहार सरकार बार-बार पत्राचार कर रही है, लेकिन बकाया भुगतान की प्रक्रिया में देरी बरकरार है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, अगर जल्द ही फंड जारी नहीं किए गए तो बिहार में मनरेगा कार्यों का पूरी तरह से ठप हो जाना तय है, जिससे लाखों परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी।
बिहार में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने का प्रयास लंबे समय से किया जा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बकाया राशि जारी न करने के कारण यह प्रयास संकट में पड़ता दिख रहा है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कब और कैसे कार्रवाई करती है।