हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस को अपने सहयोगी दलों से लगातार नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे अधिक मुखर है।
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने AAP के लिए प्रचार नहीं किया, जिससे गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा और पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
हरियाणा चुनाव और कांग्रेस पर नाराजगी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते AAP राज्य में एक भी सीट जीतने में असफल रही। AAP का मानना है कि यदि गठबंधन होता, तो नतीजे कुछ और होते। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन के लिए बार-बार अपील की थी, लेकिन कांग्रेस ने जिद पर अड़े रहते हुए इसे नजरअंदाज कर दिया।
भारद्वाज ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस केवल कुछ सीटों की मांग के बावजूद गठबंधन के लिए तैयार नहीं हुई, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ।
कांग्रेस पर आरोप: सहयोगियों को दबाने का प्रयास
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने सहयोगी दलों को उचित सम्मान नहीं देती है और उन्हें दबाने की कोशिश करती है। इंडिया गठबंधन बनने के बाद जब सीटों के बंटवारे पर चर्चा होनी थी, तब कांग्रेस ने देरी की। कांग्रेस को विश्वास था कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत के बाद वह गठबंधन में अपने सहयोगियों से बेहतर मोलभाव कर पाएगी, लेकिन इसके उलट वह चुनाव हार गई।
इस देरी के कारण गठबंधन दलों को पर्याप्त समय पर चुनाव प्रचार का मौका नहीं मिल पाया, जिससे सभी दलों को नुकसान उठाना पड़ा।
दिल्ली में गठबंधन पर सौरभ भारद्वाज का बयान
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था, लेकिन कांग्रेस ने AAP के उम्मीदवारों के लिए कोई समर्थन नहीं दिखाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AAP दिल्ली में कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन के मूड में नहीं है। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन को जारी रखने की इच्छा AAP की बनी हुई है।
गठबंधन और भविष्य की चुनौतियाँ
आम आदमी पार्टी का यह बयान कांग्रेस के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि यदि वह अपने सहयोगी दलों के साथ बेहतर तालमेल नहीं बनाएगी, तो गठबंधन के भीतर दरारें और गहरी हो सकती हैं। सौरभ भारद्वाज के इन बयानों से स्पष्ट है कि AAP कांग्रेस की कार्यशैली से नाखुश है और अगर यह नाराजगी बनी रही, तो आगामी चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना और कमजोर हो सकती है।