बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में इन दिनों एक नया विवाद सामने आया है। जन सुराज पार्टी के प्रमुख Prashant Kishor ने अपने आंदोलन के तहत पटना के मरीन ड्राइव पर अनशन करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए वहां टेंट सिटी लगाए जाने की योजना थी। हालांकि, प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी, जिससे जन सुराज पार्टी ने अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
Prashant Kishor का अनशन और प्रशासन की रोक
प्रशांत किशोर, जो एक प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संस्थापक हैं, ने बिहार में सुधार की दिशा में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने का एलान किया था। इसके तहत उन्होंने पटना के मरीन ड्राइव पर अनशन करने का मन बनाया था। पार्टी ने इसे जन आंदोलन का रूप देने के लिए वहां टेंट सिटी लगाने की योजना बनाई थी, ताकि आंदोलन में शामिल होने वाले लोग वहां आराम से रह सकें और कार्यक्रम को व्यापक रूप से संचालित किया जा सके।
हालांकि, प्रशासन ने निजी जमीन पर टेंट लगाने पर रोक लगा दी। यह कदम प्रशासन की ओर से सुरक्षा कारणों, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भूमि उपयोग की वैधता को लेकर उठाया गया माना जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर किसी प्रकार की संरचना का निर्माण अवैध है, और इससे शहर की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
जन सुराज पार्टी का आरोप
जन सुराज पार्टी ने प्रशासन की इस कार्रवाई को असंवैधानिक और विपक्षी आवाज को दबाने की कोशिश बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर प्रशांत किशोर के अनशन के आयोजन को रोकने के लिए ये कदम उठाया है। जन सुराज पार्टी के प्रवक्ताओं ने कहा कि प्रशासन का यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक दबाव के तहत लिया गया है और यह लोकतंत्र की मौलिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन करता है।
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प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के समर्थकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और प्रशासन से अपील की कि उन्हें अपनी आवाज उठाने का अधिकार दिया जाए। पार्टी ने यह भी कहा कि यह रोक केवल प्रशांत किशोर को चुप कराने की एक साजिश है, जो बिहार में बदलाव की बात कर रहे हैं।
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन का कहना है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति के कोई संरचना नहीं लगाई जा सकती, और मरीन ड्राइव का क्षेत्र निजी संपत्ति के तहत आता है। प्रशासन का यह भी कहना था कि इस स्थान पर किसी प्रकार की अव्यवस्था या जन सुरक्षा को खतरा नहीं होना चाहिए, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।
इसके साथ ही, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जन सुराज पार्टी उचित अनुमति लेकर अपने कार्यक्रम का आयोजन करती है, तो प्रशासन हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा।
Prashant Kishor News: आगे की स्थिति और संभावित परिणाम
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जन सुराज पार्टी के बीच इस मुद्दे पर आगे क्या स्थिति बनती है। यदि पार्टी अनुमति प्राप्त कर लेती है, तो अनशन का आयोजन निश्चित रूप से होगा। वहीं, यदि प्रशासन अपनी स्थिति पर अड़ा रहता है, तो यह आंदोलन और विवाद और भी बढ़ सकता है।