झारखंड में चल रही आबकारी सिपाही भर्ती दौड़ में कुछ अभ्यर्थियों की मृत्यु की घटनाओं के चलते CM Hemant Soren ने बड़ा आदेश जारी किया है.
CM Hemant Soren ने भर्ती अभियान को तीन दिनों के लिए रोकने के निर्देश जारी किए
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने भर्ती अभियान को तीन दिनों के लिए रोकने के निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही यह आदेश दिया है कि सुबह 9:00 के पश्चात अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट नहीं लिया जाएगा. मुख्यमंत्री एवं सूर्य ने भर्ती दौड़ के चलते कुछ उम्मीदवारों की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि आबकारी सिपाही भर्ती अभियान के दौरान उम्मीदवारों की असामयिक मृत्यु दुखद एवं हृदयविदारक है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि ‘मैंने एक्साइज कांस्टेबल भर्ती के लिए चल रहे अभियान को अगले तीन दिनों के लिए स्थगित करने का निर्देश जारी किया है. अब फिजिकल टेस्ट सुबह 9 बजे के पश्चात नहीं होगा और यह निर्देश फिजिकल टेस्ट में सम्मिलित हुए कुछ उम्मीदवारों की मौत को मद्देनजर रखते हुए दिया गया है. यह मौतें किस वजह से हुई इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है.
पैनल जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगा. मुख्यमंत्री ने उम्मीदवारों की मौत को हृदय विधायक बताते हुए कहा कि पिछली सरकार द्वारा बनाए गई नियमों की तत्काल समीक्षा के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री का आदेश ऐसे वक्त में सामने आया है जब अभ्यर्थियों की मृत्यु की घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार पर तीखे हमले कर रही है. असम किए कम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को बताया कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से झारखंड में भर्ती अभियान के चलते अभ्यर्थियों की मौत की घटनाओं की जांच किए जाने का आग्रह करेगा.
जानकारी के अनुसार हिमंता बिस्वा सरमा ने यह दावा किया कि झारखंड में अत्यधिक गर्मी की वजह से आबकारी सिपाही भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट के दौरान 15 विद्यार्थियों की जान चली गई है.
अभयार्थी के परिजन को 50 लख रुपए तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए- हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बिस्वा सरमा मैं यह भी बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार को आबकारी सिपाही भर्ती के लिए आयोजित फिजिकल टेस्ट को तुरंत 15 सितंबर तक के लिए रोक देना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जान गंवाने वाले हर अभयार्थी के परिजन को 50 लख रुपए तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए यदि हेमंत सोरेन सरकार ऐसा करने में सफल नहीं होती तो बीजेपी सूबे की सत्ता में आने के पश्चात जान कमाने वाले सभी युवकों के परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरियां प्रदान करेगी.
हिमंता बिस्वा सरमा मैं आगे बताया कि राज्य सरकार के बिना समुचित व्यवस्था किए अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच कराई दौड़ में सम्मिलित होने के लिए बाध्य किया. नौकरी की लालच में युवा इस भर्ती में शामिल हुए और दौड़े जिसमें से कुछ अभ्यर्थियों ने अपनी जान तक गंवा दी.
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सरकारी युवाओं की मौत को कोविड महामारी तथा उसकी वैक्सीन से जोड़ रही है. कोरोना के बाद देशभर में सीआरपीएफ, अग्नि वीर और बीएसएफ की बहाली हुई परंतु कहीं से मौत की कोई शिकायत नहीं आई. झारखंड पुलिस के अनुसार अब तक इस भर्ती दौड़ के दौरान 12 विद्यार्थियों ने अपनी जान गवाई है जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने मृतकों की संख्या केवल चार ही बताई है.