खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक और वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद Amritpal Singh अब पंजाब में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी कर रहा है।
यह ऐलान 14 जनवरी को मुक्तसर साहिब में माघी मेले के दौरान किया जा सकता है। माघी मेला सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है और यहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
Amritpal Singh: राजनीतिक दल का गठन और रैली
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और उनके समर्थकों ने “पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ” रैली का आयोजन किया है, जहां पार्टी के गठन की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी का उद्देश्य पंथिक राजनीति को पुनर्जीवित करना और खालिस्तानी विचारधारा को आगे बढ़ाना है। अमृतपाल के सहयोगी सुखविंदर सिंह अगवान, जो कट्टरपंथी विचारधारा के समर्थक हैं, ने इस कदम की पुष्टि की है।
Amritpal Singh की पृष्ठभूमि और राजनीतिक मंसूबे
अमृतपाल सिंह ने पहले भी खालिस्तान की मांग को लेकर विवादित बयान दिए हैं। 2024 के आम चुनावों में खदूर साहिब लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद, उसने अपने राजनीतिक प्रभाव को मजबूत किया है। हालाँकि, प्रचार का पूरा दारोमदार उसके परिजनों और समर्थकों पर था।
पंजाब की पंथिक राजनीति में स्पेस
विशेषज्ञों का मानना है कि अकाली दल के कमजोर पड़ने के बाद पंजाब में पंथिक राजनीति के लिए एक शून्य बन गया है। अमृतपाल और उनके समर्थक इस शून्य को भरने की कोशिश कर रहे हैं। यह कदम न केवल सिख समुदाय के एक धड़े को प्रभावित कर सकता है, बल्कि राज्य में कट्टरपंथी राजनीति को भी बढ़ावा दे सकता है।
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केंद्रीय एजेंसियों के लिए चिंता का विषय
अमृतपाल सिंह का राजनीतिक दल बनाने का फैसला केंद्रीय एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। कट्टरपंथी विचारधारा और खालिस्तानी विचारों के साथ एक संगठित राजनीतिक दल का उदय, पंजाब की स्थिरता और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है।
Amritpal Singh: भविष्य की सियासी दिशा
अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब में राजनीति का एक नया अध्याय लिख सकता है। पंथिक विचारधारा पर आधारित यह पार्टी राज्य के सिख वोटबैंक को कितना प्रभावित करेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह तय है कि यह घटनाक्रम पंजाब और देश की राजनीति में व्यापक चर्चा और प्रभाव का विषय बनेगा।