काशी और उज्जैन की तर्ज पर देवघर में Baba Baidyanath Corridor, हेमंत सरकार का 900 करोड़ का बड़ा फैसला

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हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड में सत्ता संभालते ही बड़े फैसलों की शुरुआत कर दी है। इनमें देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम के विकास के लिए “Baba Baidyanath Corridor” का निर्माण प्रमुख है। यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा।

कॉरिडोर की योजना और निर्माण

  • कॉरिडोर की विशेषताएं:
    • शिवगंगा से मानसरोवर होते हुए वैद्यनाथ मंदिर तक कॉरिडोर का निर्माण होगा।
    • इसके लिए मंदिर के चारों ओर 33 एकड़ जमीन को विकसित किया जाएगा।
    • निर्माण के बाद श्रद्धालुओं को बस स्टैंड, टावर चौक, मंदिर मोड़ और हदहदवा चौक से मंदिर स्पष्ट दिखेगा।
  • बजट और मुआवजा:
    • परियोजना के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
    • 300 करोड़ रुपये जमीन मालिकों को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।

परियोजना का असर

  • श्रद्धालुओं को लाभ:
    सावन और अन्य धार्मिक अवसरों पर लाखों श्रद्धालु देवघर आते हैं। कॉरिडोर के निर्माण से मंदिर पहुंचने की प्रक्रिया आसान और व्यवस्थित हो जाएगी।
  • स्थानीय विकास:
    कॉरिडोर के निर्माण से स्थानीय बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • व्यापार और रोजगार:
    परियोजना के दौरान निर्माण कार्य से रोजगार बढ़ेगा और धार्मिक पर्यटन के कारण स्थानीय व्यापार को भी लाभ होगा।

चुनौतियां और सरकार का दृष्टिकोण

  • जमीन अधिग्रहण:
    कॉरिडोर के निर्माण के लिए स्थानीय दुकानों और मकानों को हटाने की जरूरत होगी।
  • सरकार का निर्णय:
    सरकार ने जमीन मालिकों को उचित मुआवजा देने और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का वादा किया है।

श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

बैद्यनाथ धाम कॉरिडोर के फैसले ने श्रद्धालुओं में उत्साह भर दिया है। उनका मानना है कि यह परियोजना बाबा धाम को देश और दुनिया के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल करने में मदद करेगी।

इस ऐतिहासिक कदम से देवघर न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी उभर सकता है।

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