Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य के 33,893 शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। यह सौगात उन शिक्षकों के लिए है, जिनका काउंसलिंग सत्र किसी कारणवश पूरा नहीं हो पाया था।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित स्थानीय निकाय शिक्षक साक्षमता परीक्षा 2024 के बाद, इन शिक्षकों की काउंसलिंग सफलतापूर्वक नहीं हो पाई थी, लेकिन अब सरकार ने इन शिक्षकों को एक और मौका देने का फैसला किया है।
15 अगस्त 2024 को माध्यमिक शिक्षा के निदेशक की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि 3366 अनुपस्थित शिक्षकों को पुनः काउंसलिंग का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे शिक्षक जिनका बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन के बावजूद प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो पाया था, उन्हें भी इस बार काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा।
Bihar News: काउंसलिंग प्रक्रिया में राहत
बैठक में निर्णय लिया गया कि उन 311 शिक्षकों को भी बुलाया जाएगा जिनका बायोमेट्रिक सत्यापन तो हुआ, लेकिन मोबाइल न होने के कारण ओटीपी सत्यापन नहीं हो पाया था। साथ ही, जिनके आधार सत्यापित हो गए थे पर बायोमेट्रिक नहीं हुआ, या जिनके प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए, उन्हें भी सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक कदम
शिक्षक अभ्यर्थियों को जिनके दस्तावेज़ों में त्रुटियाँ हैं, जैसे नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर या मोबाइल नंबर, उन्हें अपने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देना होगा। इसके बाद, संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आवेदन में सही जानकारी दर्ज करेंगे और सॉफ्टवेयर के माध्यम से इसे अपलोड करेंगे।
प्रमाण पत्रों की जांच
जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं, उनकी जांच एक समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति के निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। जिन शिक्षकों का कोई प्रमाण पत्र फेक पाया जाता है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया 30 अक्टूबर तक पूरी की जाएगी ताकि इन शिक्षकों की काउंसलिंग को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सके। इस फैसले से हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने भविष्य की तैयारी कर सकेंगे।