Bihar: नीतीश ने तेजस्‍वी से की मुलाकात, केसी त्‍यागी ने दिया इस्‍तीफा

Bihar की राजनीति में इस समय एक बार फिर से हलचल मची हुई है। हाल के दिनों में हुई घटनाओं ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का इस्तीफा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव से मुलाकात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

केसी त्यागी ने हाल ही में राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि त्यागी पार्टी लाइन से हटकर बोलने लगे थे, जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस घटना से यह संकेत मिलता है कि जेडीयू फिलहाल बीजेपी के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने के पक्ष में है, चाहे वह केंद्र में हो या राज्य में।

KC Tyagi यूपीएससी में लेटरल एंट्री, जातिगत जनगणना, और आरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर हैं

दूसरी ओर, चिराग पासवान भी केंद्र की सत्ता में रहते हुए अपनी स्वतंत्र पहचान को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे यूपीएससी में लेटरल एंट्री, जातिगत जनगणना, और आरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर हैं। हालांकि, यह भी सच है कि बिहार में जातिगत जनगणना की सबसे पहली मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी, जब वे आरजेडी के साथ महागठबंधन सरकार में थे। नीतीश कुमार ने न केवल यह मांग उठाई, बल्कि इसे लागू भी कराया और इसके आंकड़े भी सार्वजनिक किए।

अब, आरएसएस भी कुछ शर्तों के साथ जातिगत जनगणना के पक्ष में नजर आ रहा है, जबकि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन, जिसमें राहुल गांधी की अहम भूमिका है, इसे लेकर जोर दे रहा है।

Bihar: CM नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय बाद हुई मुलाकात

इन सभी घटनाओं के बीच, बिहार की राजनीति का तापमान बढ़ता जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय बाद हुई मुलाकात ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि आठ महीने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी।

मुख्यमंत्री मंगलवार को मुख्य सचिवालय पहुंचे थे, और थोड़ी देर बाद तेजस्वी यादव भी वहां पहुंचे। इसके बाद से बिहार की राजनीति में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि, यह मुलाकात लंबी नहीं चली, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई।

सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात का मुख्य कारण सूचना आयुक्त की नियुक्ति थी, जिसमें विपक्ष के नेता की भी सहमति आवश्यक होती है। तेजस्वी यादव ने मुलाकात के बाद खुद बताया कि नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इस पर आधिकारिक जानकारी देगी।

इसके अलावा, तेजस्वी यादव ने आरक्षण की सीमा को नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के मुद्दे पर भी सीएम से बात की। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में है और हम अपनी बात मजबूती से रखने के लिए तैयार हैं।

इस बीच, लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी नेताओं की बैठक भी बुलाई, जिसमें विधायक इजहार अशफी ने इस मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कुछ महत्वपूर्ण बातें हुई हैं, लेकिन इसका पूरा खुलासा समय आने पर ही होगा।

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जेडीयू और आरजेडी दोनों ही जातिगत जनगणना के मुद्दे पर मुखर हैं। अब देखना यह है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा किस दिशा में जाता है और बिहार की राजनीति में ऊंट किस करवट बैठता है?

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