Patna: Bihar में लोकसभा चुनाव के दौरान पाटलिपुत्र सीट पर लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती की जीत ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
इस जीत में आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने अहम भूमिका निभाई। उनकी मेहनत और रणनीतिक कौशल के फलस्वरूप उन्हें अब विधानसभा में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। लालू यादव और तेजस्वी यादव ने भाई वीरेंद्र को लोकलेखा समिति (पब्लिक एकाउंट्स कमेटी) का सभापति नियुक्त कर बड़ा इनाम दिया है।
भाई वीरेंद्र: आरजेडी के रणनीतिकार
भाई वीरेंद्र को आरजेडी में एक कुशल रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। 2010 में उन्होंने मनेर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उस चुनाव में उन्होंने जदयू उम्मीदवार श्रीकांत निराला को लगभग साढ़े नौ हजार वोटों से हराया था। 2015 में भी उन्होंने एक बार फिर से मनेर सीट पर विजय हासिल की, इस बार भाजपा के उम्मीदवार श्रीकांत निराला को 22,828 वोटों से पराजित किया।
Bihar Politics: लालू-तेजस्वी का बड़ा तोहफा
मीसा भारती की पाटलिपुत्र में शानदार जीत के बाद लालू यादव और तेजस्वी यादव ने भाई वीरेंद्र को लोकलेखा समिति का सभापति बनवाकर उनके कार्यों की सराहना की। जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को गैर सरकारी विधेयक और संकल्प समिति का सभापति बनाया गया है। यह जिम्मेदारियां दर्शाती हैं कि आरजेडी नेतृत्व अपने विश्वासपात्र और कुशल नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने के लिए तत्पर है।
2020 में भी भाई वीरेंद्र का जलवा जारी रहा
2020 के विधानसभा चुनाव में मनेर विधानसभा सीट पर आरजेडी के विजय रथ को रोकने का जिम्मा पार्टी के वरिष्ठ नेता निखिल आनंद को दिया गया था। हालांकि, भाई वीरेंद्र के सामने निखिल आनंद भी टिक नहीं सके। भाई वीरेंद्र ने तीसरी बार मनेर विधानसभा सीट से 61 हजार मतों से जीत हासिल की। यह जीत उनके राजनीतिक कौशल और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है।
खास बात यह है कि हर चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया है, जो उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता और प्रभाव का प्रमाण है।
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Bihar News: मीसा भारती को जीत दिलाने में निभाई अहम भूमिका
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में लालू प्रसाद यादव की बेटी डॉ. मीसा भारती लगातार कोशिशों के बावजूद जीत नहीं पा रही थीं। हालांकि, भाई वीरेंद्र बीते तीन लोकसभा चुनाव के दौरान मीसा भारती की जीत के लिए लगातार चुनाव मैदान में डटे रहे। उनकी मेहनत और रणनीति का परिणाम आखिरकार 10 वर्षों बाद मिला, जब मीसा भारती ने पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव को पराजित कर दिया।
भाई वीरेंद्र को मिला बड़ा तोहफा
मीसा भारती की लोकसभा में एंट्री होते ही, पार्टी ने भाई वीरेंद्र को उनके योगदान के लिए बड़ा इनाम देने का फैसला किया। उन्हें लोकलेखा समिति का सभापति पद दिया गया, जो प्रतिपक्ष के पास होता है। इस पद पर तेज प्रताप यादव की भी उम्मीदवारी की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने तेज प्रताप की अपेक्षा भाई वीरेंद्र पर ज्यादा भरोसा जताया।