Bihar: लोकसभा चुनाव में आमने-सामने टकराएंगे रिश्ते

Patna: 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अब एक ही परिवार आमने-सामने टकराएगा. मंगलवार की शाम पशुपति कुमार पारस के पटना पहुंचने के पाश्चात्य ही स्पष्ट होगा. पशुपति कुमार परस पटना महागठबंधन का रुख करने के लिए पहुंच रहे हैं.

Bihar News: पशुपति कुमार पारस ने पीएम नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली

सोमवार को Bihar की 40 लोकसभा सीटों को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बांटा गया है जिस पर दिवंगत रामविलास पासवान के कुनबे में भीषण संकट देखने को नजर आ रहा है. मंगलवार की दोपहर के पश्चात केंद्र में मंत्री पद पाने के पश्चात पशुपति कुमार पारस ने पीएम नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली है. उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और अब वह पटना पहुंच रहे हैं.

पशुपति पारस शाम 6:30 बजे पटना एयरपोर्ट से निकलकर वही अपने कार्यालय जाकर मीडिया से बातचीत करेंगे या फिर सीधे राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं Bihar के पूर्व अप सीएम तेजस्वी यादव से मिलने जाएंगे यह देखने का विषय होगा. इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि उनके साथ प्रिंस पासवान जाते हैं या नहीं. और यदि प्रिंस पासवान गए तो बिहार में इस बार चाचा-भतीजा, चाचा-भतीजा या फिर भाभी-देवर जैसी लड़ाई लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगी.

Bihar News: राजनीति में इस कुनबे की कहानी है यह

दिवंगत रामविलास पासवान ने लोजपा की स्थापना की थी. उनकी पहली पत्नी तो गांव में रहती थी परंतु दूसरी पत्नी रीना पासवान हमेशा साथ रहती थी.

फिर भी दिवंगत रामविलास पासवान ने कभी अपनी पत्नी को राजनीति में नहीं लाया था. उन्होंने अपने भाइयों पशुपति कुमार पारस एवं रामचंद्र पारस को भी आगे बढ़ाया इसके साथ ही बेटे चिराग पासवान बड़े हुए तो वह उन्हें भी आगे लेकर आए और फिर रामचंद्र पासवान के दिवंगत होने के पश्चात उनके बेटे प्रिंस राज पासवान को भी पार्टी में लेकर आए.

पिता की सीट पर प्रिंस पासवान सांसद बने तो उन्होंने अपने बड़े पापा रामविलास पासवान की बात दोहराई एवं सोशल मीडिया पर चिराग पासवान के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा के बड़े भाई पिता समान होते हैं. परंतु फिर कुछ बदल गया. दिवंगत रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत की लड़ाई में उनके भाई पशुपति कुमार पारस तब भारी पड़े जब बीजेपी मैं मंत्री की जिम्मेदारी चाचा को सौंप दी.

पशुपति कुमार पारस का वक्त ठीक चलता रहा एवं उनके साथ लोजपा के चार सांसद भी नजर आते रहे. और वही चिराग पासवान अकेले रह गए. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान दिलाने की वजह से मजबूरी में बीजेपी ने उन्हें अपने साथ नहीं लिया.

नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर होने के बाद धीरे-धीरे चिराग पासवान की वापसी हुई. भारतीय जनता पार्टी में चिराग पासवान की ऐसी वापसी हुई है कि भाजपा ने पशुपति पारस को दरकिनार कर रामविलास पासवान के बेटे को पांचो सीट दे दी है.

महागठबंधन में जा रहे हैं पशुपति पारस, साथ कौन होगा ?

प्रिंस पासवान जब सांसद बने तब उन्होंने अपने बड़े भाई चिराग पासवान के लिए जो लिखा था वह अपने चाचा पशुपति पर के साथ रहने में भूल गए. परंतु आप पशुपति कुमार पारस के अच्छे दिन आ गए हैं. मंगलवार को उन्होंने मंत्री पद छोड़ एवं मां गठबंधन से समझौता करने की तैयारी में जुट गए. भाजपा एवं चिराग स्वयं भी यही चाहते हैं कि घर की बात घर में ही रहे. घर लूटने का लाभ किसी और को ना मिले. परंतु ऐसा ऐसा होगा या नहीं यह केवल पारस के निर्णय पर निर्भर करता है.

यदि पशुपति पारस महागठबंधन में जाते हैं तो उनका हाजीपुर से लड़ना तय है. यदि उनके साथ प्रिंस पासवान भी गए तो पासवान परिवार में भारी उठा पटक होगी. अब ऐसी परिस्थितियों में पारस का सामना हाजीपुर में दिवंगत रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान से होने की संभावना है. इसका अर्थ है कि चिराग पासवान जमुई में टिके रहते हुए पिता की सीट मां को लड़ने के लिए दे दें. यदि वह पारस के साथ कायम रहे तो एक और लड़ाई प्रिंस से संभावित है.

चिराग पासवान हाजीपुर में रहे तो रीना पासवान समस्तीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं. समस्तीपुर से प्रिंस पासवान अभी भी सांसद है एवं आगे भी रहना चाहेंगे. यदि प्रिंस पासवान चिराग पासवान की ओर होते हैं तो समस्तीपुर भी उनके पास चला जाएगा. जमुई में चिराग पासवान एवं हाजीपुर में रीना पासवान उतरेंगे.

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