पटना: 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की भारी जीत (200 से ज़्यादा सीटें) के बमुश्किल 24 घंटे बाद, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने एक हैरान करने वाला और “काल्पनिक” राजनीतिक फ़ॉर्मूला पेश किया है। सीमांचल में पाँच सीटों की जीत से उत्साहित एआईएमआईएम ने नीतीश कुमार की जेडीयू और तेजस्वी यादव की आरजेडी के बीच “खिचड़ी” गठबंधन का सपना दिखाते हुए “खिचड़ी” सरकार की पेशकश की है।

इस ऑफर की सबसे बड़ी शर्त यह है कि 5 विधायकों वाली AIMIM का मुख्यमंत्री होगा, जिसके बदले में वह नीतीश कुमार को 2029 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने का वादा कर रही है। यह पेशकश AIMIM बिहार के आधिकारिक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से की गई है।
क्या है AIMIM का ‘जादुई आंकड़ा’?
NDA की 200+ सीटों की वास्तविकता के बावजूद, AIMIM ने विपक्ष को एकजुट कर सरकार बनाने का एक गणित पेश किया है। पार्टी ने कहा है कि “अभी भी सरकार बनाने का मौका है।”
AIMIM के समीकरण के अनुसार:
-
जदयू (JDU): 85 सीटें
-
राजद (RJD): 25 सीटें
-
कांग्रेस (Congress): 6 सीटें
-
एआईएमआईएम (AIMIM): 5 सीटें
-
लेफ्ट (CPI-ML/M): 3 सीटें
-
कुल योग: 124 सीटें
यह आंकड़ा बिहार में बहुमत के जादुई आंकड़े 122 से दो सीट अधिक है।
5 विधायक पर CM, JDU को 2 डिप्टी CM का ऑफर
AIMIM ने अपनी कल्पना के घोड़े इतने तेज दौड़ाए कि सत्ता के बंटवारे का पूरा खाका ही पेश कर दिया। पार्टी की शर्तों के मुताबिक:
-
मुख्यमंत्री: AIMIM का होगा।
-
उपमुख्यमंत्री: JDU के कोटे से 2 डिप्टी सीएम (साथ में 20 मंत्री)।
-
RJD: 6 मंत्री पद।
-
कांग्रेस: 2 मंत्री पद।
-
लेफ्ट: 1 मंत्री पद।
इसके साथ ही, नीतीश कुमार को 2029 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने का वादा किया गया है। पार्टी ने लिखा, ‘हम, हमेशा जोड़ने की राजनीति करते हैं, तोड़ने की नहीं। इसीलिए अभी भी मौका है।’
‘वोटकटवा’ से ‘किंगमेकर’ बनने का सपना?
AIMIM का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर इसलिए क्योंकि ‘महागठबंधन’ चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी की पार्टी को ‘वोटकटवा’ और भाजपा की ‘बी-टीम’ बताता रहा। AIMIM ने इस चुनाव में 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 24 सीटें मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र की थीं। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोटों के बिखराव की वजह से RJD और कांग्रेस को कई सीटों पर सीधा नुकसान हुआ।
चुनाव से पहले RJD और कांग्रेस ने AIMIM को ‘महागठबंधन’ में शामिल करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ओवैसी ने अकेले लड़ने का फैसला किया था। अब 5 सीटें जीतने के बाद, पार्टी इस बेतुके ऑफर के जरिए खुद को ‘किंगमेकर’ के तौर पर पेश करने की कोशिश करती दिख रही है, भले ही जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर हो।
यह भी पढ़े: छपरा सीट पर खेसारी लाल यादव को मिली हार, 35 साल की छोटी कुमारी ने पटखनी दी






