Buxar News: बिहार के बक्सर जिले ने आज भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा, जहां पहली बार नगर परिषद उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद उपचुनाव में ई-वोटिंग (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग) को सफलतापूर्वक लागू किया गया। यह कदम डिजिटल युग में मतदाता भागीदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव भी है।
जिले के 136 मतदान केंद्रों पर पारंपरिक मतदान शांतिपूर्वक जारी है, लेकिन सुर्खियों में है करीब 13,000 ऐसे मतदाता, जिन्हें मोबाइल फोन के माध्यम से घर बैठे ही मतदान की सुविधा दी गई है। ई-वोटिंग की यह सुविधा उन नागरिकों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है, जो किसी कारणवश मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते।
जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने इस नवाचार को “चुनाव प्रणाली में तकनीकी क्रांति का मील का पत्थर” बताया और कहा कि ई-वोटिंग न केवल लोकतंत्र को अधिक समावेशी बना रही है, बल्कि मतदान को सरल, सुलभ और सुरक्षित भी बना रही है।
उन्होंने कहा कि अब तक 250 से अधिक मतदाता सफलतापूर्वक ई-वोटिंग कर चुके हैं और किसी भी तकनीकी समस्या के समाधान के लिए आईटी सेल पूरी तरह सक्रिय है. सुरक्षा को लेकर बक्सर एसपी शुभम आर्य ने भी आश्वासन दिया कि जिले में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है.
मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ ई-वोटिंग के लिए साइबर निगरानी को विशेष रूप से बढ़ाया गया है। इस ऐतिहासिक प्रयोग से पहले पांच फीसदी मतदान केंद्रों पर उम्मीदवारों की मौजूदगी में मॉक पोल कराकर ईवीएम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता का परीक्षण किया गया था.
बक्सर की यह डिजिटल लोकतांत्रिक पहल अब राज्य भर में होने वाले चुनाव के लिए एक मॉडल बन रही है. यह सिर्फ एक तकनीकी प्रयोग नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की एक नई परिभाषा है जहां घर बैठे मतदान करना अब हकीकत बन गया है। अब इसका उपयोग आगामी चुनावों में बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा, जिससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि मतदान के दौरान कतार में खड़े होने की समस्या से भी राहत मिलेगी।