Bagaha News: खबर बगहा से है, जहां वीटीआर से सटे वाल्मीकि नगर के टंकी बाजार स्थित डॉ. लक्ष्मण प्रसाद के निजी क्लिनिक से एक बार फिर तक्षक सांप का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया है। दरअसल, तक्षक सांप डॉक्टर के चैंबर में कुर्सी के नीचे छिपा हुआ था।
जिसे अचानक मजदूरों ने देखा जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।हालांकि सूचना के बाद वीटीआर के वनकर्मियों द्वारा सांप का रेस्क्यू कर लिया गया और उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे वाल्मीकिनगर में पाया जाने वाला अलंकृत उड़ने वाला सांप अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस तक्षक सांप का उल्लेख महाभारत और भगवद गीता में भी मिलता है।
ऐसा कहा जाता है कि यह वही सांप है जिसने राजा परीक्षित को डंस लिया था और फिर उनकी मृत्यु हो गई थी। तक्षक सांप का नाम सुनते ही सबसे पहले राजा परीक्षित की कहानी याद आती है, और यह विचार मन में कौंधता है क्योंकि आज भी तक्षक सांप उड़ने वाले होते हैं? हालांकि, आज के समय में तक्षक सांप बहुत कम दिखाई देते हैं। इन सांपों में उड़ने की बजाय कूदने की क्षमता होती है।
ये सांप अपने शरीर को तानकर और S आकार बनाकर एक जगह से दूसरी जगह छलांग लगा सकते हैं। खास बात यह है कि इनके कूदने का तरीका बेहद अद्भुत होता है, लेकिन असल में ये उड़ते नहीं हैं।
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ये सांप खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाते हैं, जिन्हें इन दिनों बिहार के एकमात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में देखा गया है, जो एक सुखद अनुभव के साथ-साथ वन विभाग के लिए गर्व का क्षण भी है।