Bima Bharti का ‘इंश्योरेंस’ हुआ समाप्त, लालू यादव का आशीर्वाद भी नहीं आया काम

Patna: पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा के उपचुनाव में आरजेडी प्रत्याशी Bima Bharti की करारी हार ने सियासी हलचल मचा दी है.

निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने Bima Bharti को 8,204 वोटों के अंतर से पराजित कर दिया

बीमा भारती जो हाल ही में जेडीयू से राजद में शामिल हुई थीं ने लालू यादव के आशीर्वाद के बावजूद सफलता नहीं पाई. निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने उन्हें 8,204 वोटों के अंतर से पराजित कर दिया.

बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू छोड़कर राजद का दामन थामा था. लालू यादव ने उन्हें पूर्णिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं. इसके बावजूद लालू यादव ने रुपौली उपचुनाव में भी उन पर भरोसा जताया. लेकिन यहाँ भी बीमा भारती को निराशा हाथ लगी और उन्हें फिर से तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा.

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सियासी विश्लेषकों का मानना है कि बीमा भारती की हार के पीछे कई कारण हैं. पहला कारण जेडीयू के कलाधर मंडल और बीमा भारती, दोनों का एक ही गंगोता समाज से होना है जिससे वोटों का बंटवारा हुआ और निर्दलीय शंकर सिंह को फायदा मिला. दूसरा बीमा भारती के पति अवधेश मंडल से मुस्लिम समाज का व्यक्तिगत विवाद होने के कारण मुस्लिम वोटरों ने शंकर सिंह का समर्थन किय. साथ ही बीमा भारती के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी भी देखी गई.

लालू यादव और तेजस्वी यादव की नाकामी ने राजद की स्थिति को भी कमजोर किया

अब बीमा भारती के सियासी करियर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. लालू यादव और तेजस्वी यादव की नाकामी ने राजद की स्थिति को भी कमजोर किया है. यह उपचुनाव परिणाम यह साबित करता है कि सियासत में भरोसा जितना महत्वपूर्ण है उतना ही जरूरी है जनसमर्थन और ज़मीनी हकीकत को समझना.

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