मंईयां योजना पर BJP का हमला, सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप

Spread the love

झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों के खातों में पिछले दो महीनों से राशि नहीं पहुंची, जिसके बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भाजपा ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और विफलता के आरोप लगाते हुए नियुक्तियों में धांधली और जनता की गाढ़ी कमाई को प्रचार में खर्च करने का आरोप लगाया।

BJP का दावा – सरकार वेंटिलेटर पर

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो ने कहा कि सरकार मंईयां योजना के कारण हांफने लगी है और अब वेंटिलेटर पर जाने की कगार पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर महीने 11 तारीख को 2500 रुपये देने का वादा करने वाली सरकार पांच किस्तों के बाद ही असमर्थ हो गई।

BJP का बड़ा आरोप – ‘अबुआ दिशुम दिकू राज’ स्थापित कर रही सरकार

महतो ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड में ‘अबुआ दिशुम अबुआ राज’ नहीं बल्कि ‘अबुआ दिशुम दिकू राज’ स्थापित करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को नौकरियां बेचकर झारखंड के युवाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है और नियोजन नीति को निरस्त कर दिया गया है।

यह भी पढ़े: Bihar में होली से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों का शराब स्टॉक जब्त

सरकारी विज्ञापनों पर खर्च हो रहा जनता का पैसा – BJP

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने के लिए सरकारी पैसे को विज्ञापनों पर बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार सिर्फ ढिंढोरा पीट रही है कि वह झारखंडी युवाओं को नौकरी दे रही है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है।

नियुक्तियों में धांधली और बाहरी अभ्यर्थियों का बोलबाला

भाजपा ने आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्षों में जेएसएससी और सरकारी भर्तियों में 75% से अधिक अभ्यर्थी झारखंड के बाहर से थे। रमाकांत महतो ने कहा कि नियुक्तियों में धांधली के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए, जेएसएससी चेयरमैन को इस्तीफा देना पड़ा और कई मामले हाईकोर्ट तक पहुंचे।

जेपीएससी परीक्षा भी विवादों में घिरी

भाजपा ने यह भी दावा किया कि जेपीएससी परीक्षाओं में भी अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों, लैब टेक्नीशियन, नगर विकास और आवास विभाग सहित अन्य सरकारी भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं और सरकार ने बाहरी लोगों को नौकरियां बेचीं।

सरकार पर BJP का निशाना – क्या जवाब देगी सरकार?

भाजपा के इन गंभीर आरोपों के बाद झारखंड सरकार की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन दावों और आरोपों का क्या जवाब देती है और मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों को कब तक राहत मिलेगी।

यह भी पढ़े: Jharkhand में कुपोषण का गंभीर संकट: 39% बच्चे कुपोषित, लेकिन RIMS केंद्र में सिर्फ 84 का इलाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *