झारखंड के CM Hemant Soren ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में निचली अदालत द्वारा की जा रही कार्यवाही को चुनौती दी है।
इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां सीएम सोरेन खुद को साजिश का शिकार बता रहे हैं।
CM Hemant Soren: मामला क्या है?
ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित खनन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में पूछताछ के लिए समन जारी किया था। आरोप है कि सीएम ने समन का पालन नहीं किया और कई बार एजेंसी के सामने पेश होने से इंकार कर दिया। इसके चलते ईडी ने मामले को निचली अदालत में ले जाने का फैसला किया।
CM Hemant Soren की चुनौती
मुख्यमंत्री सोरेन ने निचली अदालत की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई कानून और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए दावा किया है कि विपक्ष उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
क्या बोले CM Hemant Soren?
सीएम सोरेन ने कहा, “यह मामला केवल मुझे बदनाम करने और मेरी सरकार को गिराने का षड्यंत्र है। हम न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं और सच्चाई हमारे पक्ष में होगी।”
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राजनीतिक असर
इस मामले ने झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है, जबकि सोरेन और उनके समर्थक इसे केंद्र सरकार की एजेंसियों का दुरुपयोग मान रहे हैं।
आगे क्या?
अब इस मामले की सुनवाई उच्च अदालत में होगी, जहां यह तय होगा कि निचली अदालत की कार्यवाही सही थी या नहीं। इस कानूनी लड़ाई के नतीजे न केवल सीएम सोरेन के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेंगे, बल्कि झारखंड की राजनीति की दिशा भी तय करेंगे। झारखंड में इस समय हर किसी की नजर इस संवेदनशील मामले पर है, जो राज्य की सत्ता और राजनीति को हिला देने की।