मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता Tejashwi Yadav के बीच हुई मुलाकात ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. लंबे समय बाद दोनों नेताओं के आमने-सामने आने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
Tejashwi Yadav News: मुलाकात वास्तव में एक सरकारी बैठक का हिस्सा थी
मंगलवार को हुई यह मुलाकात वास्तव में एक सरकारी बैठक का हिस्सा थी जिसमें आयोगों के सदस्यों के चयन पर चर्चा होनी थी। नियमों के अनुसार आयोग के सदस्यों के चयन में विपक्ष के नेता की सलाह ली जाती है और इसी सिलसिले में तेजस्वी यादव इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि इस बैठक को राजनीतिक रंग देकर पेश किया जा रहा है लेकिन इसका उद्देश्य सिर्फ आयोग के सदस्यों के चयन पर विचार-विमर्श करना था.
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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच कोई व्यक्तिगत या राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. यह एक औपचारिक सरकारी प्रक्रिया थी जिसे अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है. ऐसे में यह साफ है कि इस मुलाकात को राजनीतिक चश्मे से देखने की बजाय इसे एक सामान्य सरकारी प्रक्रिया के रूप में ही देखा जाना चाहिए.