बिहार के CM Nitish Kumar ने शनिवार को मोक्ष धाम के रूप में प्रसिद्ध गया का दौरा किया। यहां उन्होंने विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लिया और विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना की।
मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर में गर्भगृह में जाकर विधिवत पूजा की और इसके साथ ही बाईपास पर बने नवनिर्मित वैकल्पिक पथ का उद्घाटन भी किया। इस पथ से श्रद्धालुओं को अब ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी और वे आसानी से विष्णुपद मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
पितृपक्ष मेला, जो 17 सितंबर से शुरू होगा, हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गया पहुंचते हैं और पिंडदान, तर्पण कर अपने पितरों का पूजन करते हैं। इस वर्ष भी मेले में लाखों तीर्थयात्रियों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है और “अतिथि देवो भवः” की तर्ज पर उनका स्वागत किया जाएगा। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गया का पितृपक्ष मेला अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण देशभर में विख्यात है। 2015 में इसे राजकीय मेले का दर्जा मिला था, और अब इसे अंतर्राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद उन्होंने समाहरणालय में अधिकारियों के साथ मेले की तैयारियों की समीक्षा की, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस बार मेले का आयोजन और भी भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से हो।
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हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का पूजन करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यही वजह है कि गया को “गया जी” के नाम से भी जाना जाता है, जो इसकी धार्मिक महत्ता को और भी अधिक बढ़ाता है।