नई दिल्ली: ‘Samvidhan Hatya Divas’ की घोषणा को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा पिछले दस वर्षों में हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही है, क्योंकि इसने देश के हर गरीब और वंचित वर्ग का आत्मसम्मान छीन लिया है।
विपक्षी दल राजद और शिवसेना (यूबीटी) भी 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की सरकारी अधिसूचना के खिलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं। वरिष्ठ राजद सांसद मनोज के झा ने सरकार से 30 जनवरी को “महात्मा गांधी हत्या दिवस” घोषित करने का आग्रह किया, ताकि हत्यारे की विचारधारा पर चर्चा की जा सके। उन्होंने हिंदुत्व का अनुसरण करने वाले नाथूराम गोडसे का संदर्भ दिया।
संविधान के पवित्र शब्द में ‘हत्या’ शब्द जोड़कर बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं
‘एक्स’ पर एक लंबे बयान में खड़गे ने कहा, “बीजेपी-आरएसएस संविधान को खत्म करके ‘मनुस्मृति’ लागू करना चाहती है, ताकि दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर हमला किया जा सके। इसलिए वे संविधान के पवित्र शब्द में ‘हत्या’ शब्द जोड़कर बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जब मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता ने आदिवासियों पर पेशाब किया या जब पुलिस ने हाथरस की दलित बेटी का जबरन अंतिम संस्कार किया, तब मोदी को संविधान की बात करना पसंद नहीं आया।
उन्होंने कहा, “जब हर 15 मिनट में दलितों के खिलाफ कोई बड़ा अपराध होता है और हर दिन 6 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है…जब अल्पसंख्यकों पर अवैध बुलडोजर से न्याय किया जाता है, जिसमें सिर्फ 2 साल में 1.5 लाख घर ध्वस्त कर दिए जाते हैं और 7.38 लाख लोग बेघर हो जाते हैं…जब मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है और आप वहां पैर भी नहीं रखना चाहते…तो यह संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?”
पिछले 10 सालों में आपकी सरकार ने हर दिन “Samvidhan hatya divas” ही तो मनाया है
अपने देश के हर गरीब और वंचित तबके से हर पल उनका आत्मसम्मान छीना है। ▪️जब मध्य प्रदेश में भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करता है, या जब यूपी के हाथरस की दलित बेटी का पुलिस जबरन…
खड़गे ने नोटबंदी के फैसले, कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों के साथ व्यवहार, विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, कृषि कानूनों, संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन और उनकी अनुपस्थिति में “तानाशाह की तरह” विधेयक पारित करने और चुनावी बांड का भी जिक्र किया।
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झा ने कहा कि संविधान ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में करारा झटका दिया है। उन्होंने कहा, “उन्होंने खुद ईडी, सीबीआई आदि का दुरुपयोग करके, लोगों के अधिकारों को कुचलकर संविधान को नुकसान पहुंचाया है।”
शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका ने कहा, “क्या कोई गृह मंत्री अमित शाह को बताएगा कि आपातकाल संवैधानिक रूप से आपातकाल घोषित करने के प्रावधान के आधार पर लागू किया गया था? जब संविधान में आपातकाल की धारा थी, तो इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ कहना कितना हास्यास्पद लगता है! आपातकाल घोषित करने के लिए अधिकार को कमज़ोर करना या आपातकाल घोषित करने के लिए राजनीतिक कारण होना भी आपातकाल की ज्यादती हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से संवैधानिकता की हत्या नहीं हो सकती।”
वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि भाजपा घबराई हुई है। यह ध्यान भटकाने की रणनीति है। आरएसएस ने भाजपा को इसके लिए प्रशिक्षित किया है। हम सभी जानते हैं कि वे लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों जैसे कि नीट, मणिपुर और अग्निवीर से हटाना चाहते हैं। लोग इस तरह की ध्यान भटकाने वाली रणनीति को नकार देंगे। लोगों ने चुनावों में उनके इस व्यवहार की सज़ा दी है, जिससे उनकी सीटें 303 से घटकर 240 रह गई हैं।”
वरिष्ठ वकील और पूर्व सांसद अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह निर्णय जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और कांग्रेस के संबंध में वर्तमान सरकार की “गंभीर और भयावह असुरक्षा” को दर्शाता है।