कांग्रेस ने Manipur Violence पर गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की

नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा (Manipur Violence) को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उनका इस्तीफा मांगा है।

कांग्रेस ने राज्य की बिगड़ती स्थिति और मुख्यमंत्री की कथित विफलता के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

Manipur Violence: कांग्रेस आक्रामक

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन मई से मणिपुर हिंसा की चपेट में है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक वहां नहीं गए। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मणिपुर को छोड़कर हर जगह जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि मणिपुर को गृह मंत्री के भरोसे छोड़ दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह एक असफल मुख्यमंत्री को बचा रहे हैं, जबकि राज्य में स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है।"

Manipur Violence: कांग्रेस की मांगें

जयराम रमेश ने मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ कई सवाल उठाए और तीन अहम मांगें कीं:

  1. प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा: पीएम मोदी को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहिए, राहत कैंपों का जायजा लेना चाहिए, और स्थानीय नेताओं से बातचीत करनी चाहिए।
  2. सर्वदलीय बैठक: मणिपुर पर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा होनी चाहिए।
  3. ड्रग माफियाओं पर कार्रवाई: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ड्रग माफियाओं के खिलाफ ईमानदारी से कार्रवाई नहीं कर रही है।

मणिपुर में हिंसा की स्थिति

मणिपुर में हाल ही में बराक नदी से तीन शव मिलने के बाद तनाव और बढ़ गया। आक्रोशित लोगों ने भाजपा नेताओं के घरों पर हमला किया और आगजनी की। स्थिति को देखते हुए इंफाल और अन्य जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

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गृह मंत्रालय का कदम

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर समीक्षा बैठक करने वाले हैं। इससे पहले गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया।

कांग्रेस ने गवर्नर नियुक्ति पर उठाए सवाल

जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि 31 जुलाई 2024 से मणिपुर में पूर्णकालिक राज्यपाल नहीं हैं। उन्होंने कहा, “इससे केंद्र सरकार की मानसिकता और मणिपुर के प्रति उनकी उदासीनता साफ झलकती है।”

राजनीतिक महत्व

मणिपुर हिंसा अब राष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श का अहम मुद्दा बनती जा रही है। कांग्रेस का आक्रामक रुख इसे आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना सकता है। वहीं, केंद्र सरकार पर दबाव है कि वह जल्द ही मणिपुर की स्थिति को नियंत्रित करे और विश्वास बहाली के लिए ठोस कदम उठाए।

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