Jharkhand में जीत के बाद कांग्रेस की डिमांड: क्या हेमंत सोरेन पूरा कर पाएंगे गठबंधन का संतुलन?

Jharkhand विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने इंडिया गठबंधन को एक बड़ी जीत दिलाई। 81 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं, जिनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 34 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस ने 16 सीटों पर कब्जा जमाया। इस जीत के बाद हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। लेकिन शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस ने एक अहम मांग रखकर सियासी हलचल बढ़ा दी है।

Jharkhand News: कांग्रेस की मांग: मंत्रिमंडल में बड़ी हिस्सेदारी

कांग्रेस ने JMM के सामने कैबिनेट में 4:1 के अनुपात में सीटों के बंटवारे की मांग रखी है। इसका मतलब है कि हर चार सीटों पर JMM को एक कैबिनेट सीट कांग्रेस को देनी होगी। कांग्रेस का तर्क है कि गठबंधन में उसकी भागीदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसने चुनाव में अहम भूमिका निभाई है।

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Jharkhand News: हेमंत सरकार के लिए चुनौतियां

हेमंत सोरेन के लिए यह मांग स्वीकार करना आसान नहीं होगा। गठबंधन में पहले से ही कई छोटे दल हैं, जिनकी भी अपनी-अपनी उम्मीदें हैं। यदि कांग्रेस को अधिक हिस्सेदारी दी जाती है, तो यह JMM के भीतर असंतोष पैदा कर सकता है।

गठबंधन की राजनीति का संतुलन

हेमंत सोरेन को अब न केवल सरकार चलाने, बल्कि गठबंधन के सभी सहयोगियों को संतुष्ट करने की चुनौती का सामना करना होगा। कांग्रेस के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि यह गठबंधन के लिए दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करेगा।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन इस मामले में कूटनीति का सहारा ले सकते हैं। संभव है कि कांग्रेस को संतुष्ट करने के लिए उसे कुछ प्रमुख मंत्रालय दिए जाएं, लेकिन JMM अपने बड़े दल के रूप में वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश करेगा।

आने वाले दिनों में सरकार के निर्णय अहम होंगे

हेमंत सरकार को विकास के साथ-साथ गठबंधन की सियासी डोर को भी मजबूती से थामे रखना होगा। कांग्रेस की मांग को लेकर हेमंत सोरेन की चुप्पी इस बात का संकेत हो सकती है कि वह हर कदम फूंक-फूंककर रखने की योजना बना रहे हैं। अब देखना यह है कि शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट गठन में किसे क्या जिम्मेदारी मिलती है।

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