नई दिल्ली/वॉशिंगटन: अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी (Defense Intelligence Agency – DIA) ने वर्ष 2025 के लिए ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन को लेकर कई अहम खुलासे किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान, भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, जबकि भारत की प्राथमिकता चीन को मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते हुए रणनीति बनाना है।
पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में भारत प्रमुख चिंता: DIA
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकताएं पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच उग्रवादियों से निपटने, आतंकवाद विरोधी अभियानों और परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण पर केंद्रित रहेंगी। DIA ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के लिए भारत अब भी मुख्य खतरे के रूप में बना हुआ है।
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भारत की नजर चीन पर, पाकिस्तान को ‘मैनेज करने योग्य’ मानता है: DIA
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत, पाकिस्तान को एक “मैनेज करने योग्य सुरक्षा चुनौती” के रूप में देखता है, जबकि चीन को अपनी रणनीतिक प्राथमिकता मानता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका मजबूत करने, चीनी विस्तारवाद का सामना करने और सैन्य शक्ति में वृद्धि पर केंद्रित है।
हिंद महासागर में बढ़ती सक्रियता
भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी द्विपक्षीय रक्षा साझेदारियों को मजबूत कर रहा है, ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया जा सके। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत, मेक इन इंडिया के तहत अपने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देता रहेगा।
सैन्य आधुनिकीकरण पर खास जोर: DIA
2024 में भारत ने अग्नि-प्राइम MRBM और अग्नि-V MIRV जैसे अत्याधुनिक परमाणु मिसाइलों का परीक्षण किया है। इसके साथ ही दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को भी कमीशन किया गया, जिससे भारत का परमाणु त्रिकोण और अधिक मजबूत हुआ।
भारत-रूस संबंधों पर रिपोर्ट की टिप्पणी
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, रूस से अपने संबंधों को बनाए रखेगा, क्योंकि वह रक्षा और आर्थिक रणनीतियों के लिहाज से इसे महत्वपूर्ण मानता है। हालांकि, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद में कमी की है, लेकिन अब भी रूसी स्पेयर पार्ट्स पर उसकी निर्भरता बनी हुई है।
रिपोर्ट में इस बात पर भी ध्यान दिलाया गया कि भारत के पास रूसी मूल के टैंक और लड़ाकू विमानों का बड़ा भंडार है, जो चीन और पाकिस्तान दोनों से संभावित खतरे की स्थिति में उसकी सैन्य क्षमता की रीढ़ हैं।
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