राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री Lalu Yadav एक बार फिर से सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में उनकी हार्ट सर्जरी डॉ. रमाकांत पांडा द्वारा की गई, जो देश के जाने-माने कार्डियक सर्जन हैं।
डॉ. पांडा के साथ Lalu Yadav की फोटो वायरल
इस सर्जरी के बाद लालू यादव की डॉ. पांडा के साथ एक फोटो वायरल हो गई, जिसे लेकर लोगों ने उन्हें आरक्षण के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है।
सोशल मीडिया में बहस
सोशल मीडिया पर कुछ लोग लालू यादव की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि वे हमेशा आरक्षण की वकालत करते हैं, लेकिन अपने इलाज के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर की सेवाएं लेते हैं, जो कि बिना आरक्षण वाले हैं। एक यूजर ने लिखा, “लालू यादव को अपने लिए सबसे बेहतरीन डॉक्टर चाहिए, लेकिन जब बात दूसरे लोगों की आती है, तो वे आरक्षण की बात करते हैं।”
लालू प्रसाद यादव पर पहले भी जातिगत राजनीति के आरोप लगे हैं। 90 के दशक में उनके कथित नारे “भूरा बाल साफ करो” (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ को किनारे करो) को लेकर भी उन्हें घेरा जाता रहा है। इस नारे का उद्देश्य सवर्ण जातियों को सत्ता और राजनीति से अलग कर अन्य पिछड़े वर्गों को आगे लाना बताया जाता है। विरोधियों का कहना है कि लालू यादव ने सवर्णों को डराने और विभाजनकारी राजनीति करने का प्रयास किया।
डॉ. रमाकांत पांडा भारत के नंबर 1 कार्डियक सर्जन के रूप में जाना जाता है
डॉ. रमाकांत पांडा, जिनसे लालू यादव ने इलाज करवाया, उड़ीसा के जाजपुर जिले के एक ब्राह्मण परिवार से आते हैं और उन्हें भारत के नंबर 1 कार्डियक सर्जन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई बड़े नेताओं की सर्जरी की है।
इस घटनाक्रम के बाद विरोधी लालू यादव पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगा रहे हैं, जहां एक ओर वे सार्वजनिक मंचों पर आरक्षण का समर्थन करते हैं, वहीं व्यक्तिगत जरूरतों के लिए सबसे प्रतिष्ठित और सक्षम डॉक्टरों का चुनाव करते हैं।
इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है, जिसमें लोग लालू यादव की राजनीति और उनके निर्णयों पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, लालू यादव या उनके दल की ओर से इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि विरोधी दल इस मौके को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।