Ranchi: Jharkhand में लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक गर्माहट बढ़ रही है, जबकि एनडीए ने होली के पहले ही अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.
इसके विपरीत, कांग्रेस को अब भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने में संघर्ष करना है. उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया में देरी के चलते, संभावित उम्मीदवार उन्हें लेकर संशय में हैं, जबकि कुछ दिल्ली दरबार के चक्कर काट रहे हैं.
कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रत्याशियों पर पेच क्यों लगाए जा रहे हैं? होली के पहले ही कांग्रेस ने कुछ प्रत्याशियों की सूची जारी की थी, लेकिन कुछ नामों की परीक्षण कमेटी की बैठक टल गई. होली के बाद, 27 मार्च को कुछ अन्य क्षेत्रों से भी प्रत्याशियों का ऐलान हुआ. लेकिन झारखंड के कुछ क्षेत्रों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अंतिम तौर पर, 14 अप्रैल को नामों पर सहमति बनी, लेकिन लिस्ट अभी तक जारी नहीं हो सकी है. कांग्रेस टिकट देने में नेताओं की उम्र का भी महत्वपूर्ण रोल हो रहा है.
Jharkhand News: मंगलवार को हो सकता है ऐलान
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया, स्क्रीनिंग कमेटी ने नामों की अनुशंसा कर दी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के दिल्ली से बाहर रहने की वजह से अंतिम मुहर नहीं लग सकी है.
Jharkhand News: रांची से यशस्विनी सहाय बन सकती हैं प्रत्याशी
रांची से सुबोधकांत सहाय का टिकट कटने पर उनकी बेटी यशस्विनी पर पार्टी दांव खेल सकती है. उनके नाम पर कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने चर्चा की है. इस सीट पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी मजबूत दावेदार हैं. दोनों के नाम कमेटी ने अप्रूव कर आलाकमान के पास भेजा है. आलाकमान इनमें से एक पर मुहर लगा सकता है.
“चतरा में विरोध, तो धनबाद और गोड्डा में हो रहे गोलबंद”
चतरा में चुनावी मैदान गरमाने को लेकर विवाद उभरा है, जबकि धनबाद और गोड्डा में भी गोलबंद हो रहा है। चतरा में संभावित प्रत्याशी केएन त्रिपाठी के खिलाफ विरोध प्रकट हुआ है, जबकि भाजपा ने यहां कालीचरण सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. दूसरी ओर, धनबाद में बेरमो विधायक कुमार जय मंगल की पत्नी अनुपमा सिंह का नाम लगभग तय है, जबकि गोड्डा में दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव को प्रत्याशी बनाने का तय है.