इजराइल-हिज्बुल्ला युद्ध: Lebanon में तबाही, 492 की मौत, 2006 के बाद सबसे बड़ा पलायन

Lebanon में इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच संघर्ष ने एक बार फिर विनाशकारी रूप ले लिया है। सोमवार को इजराइल द्वारा किए गए हमलों में 492 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिसमें 90 से अधिक महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 1,645 लोग घायल हुए हैं। यह घटना 2006 के बाद का सबसे बड़ा हमला है, जब इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच पिछले युद्ध में भीषण तबाही हुई थी।

Lebanon: 2006 के बाद का सबसे बड़ा संघर्ष, लेबनानी नागरिकों का पलायन तेज

इजराइली सेना ने दक्षिणी और पूर्वी लेबनान के नागरिकों को पहले ही इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी। हजारों लेबनानी नागरिक दक्षिणी इलाकों से पलायन करने लगे, जिससे सिडोन से बेरूत जाने वाला मुख्य राजमार्ग पूरी तरह जाम हो गया। यह पलायन 2006 के बाद सबसे बड़ा है, जब लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस हमले की भयावहता 2020 में बेरूत में हुए विनाशकारी बंदरगाह विस्फोट से भी अधिक है, जब एक गोदाम में रखे गए सैकड़ों टन अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट ने 218 लोगों की जान ले ली थी। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनानी नागरिकों से अपील की है कि वे इलाके को खाली करने की चेतावनी को गंभीरता से लें और कहा कि उनका अभियान समाप्त होने के बाद ही लोग सुरक्षित रूप से वापस अपने घरों को लौट सकेंगे।

Lebanon: इजराइल ने हिज्बुल्ला के 1,300 ठिकानों पर किया हमला, 9,000 रॉकेट दागे गए

इजराइल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि इजराइल हिज्बुल्ला के खिलाफ युद्ध नहीं चाहता, बल्कि वह खतरों को खत्म करना चाहता है। हिज्बुल्ला द्वारा इजराइल पर लगातार रॉकेट और ड्रोन हमलों के जवाब में इजराइली सेना ने हिज्बुल्ला के 1,300 ठिकानों पर हमले किए, जिनमें कई क्रूज मिसाइलें, लंबी और छोटी दूरी के रॉकेट, और ड्रोन नष्ट कर दिए गए हैं।

इजराइल की चेतावनी: नागरिक इलाका खाली करें, अभियान के बाद ही लौटें

हगारी ने यह भी दावा किया कि हिज्बुल्ला ने पिछले अक्टूबर से अब तक इजराइल पर लगभग 9,000 रॉकेट और ड्रोन दागे हैं, जिनमें से अकेले सोमवार को 250 रॉकेट और ड्रोन हमले किए गए। इजराइल का अनुमान है कि हिज्बुल्ला के पास लगभग 150,000 रॉकेट और मिसाइलें हैं, जो इजराइल में कहीं भी हमले करने में सक्षम हैं। इस संघर्ष से लेबनान में एक बार फिर मानवता और शांति को गहरा झटका लगा है, और हालात कितने बिगड़ेंगे, यह आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा।

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