Jharkhand की राजनीति में इन दिनों इंडिया ब्लॉक में तनाव और मतभेद उभरते नजर आ रहे हैं। हाल ही में राजद नेता तेजस्वी यादव दो दिनों तक रांची में रहे, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनसे मुलाकात तक नहीं की, जिससे राजद नाराज हो गई है।
वहीं, जैसे ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रांची पहुंचे, उनकी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात हो गई, जिसने राजद की नाराजगी को और बढ़ा दिया।
राजद ने जताई असहमति, गठबंधन में सीट शेयरिंग पर उठाए सवाल
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गठबंधन में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय किया गया है, वह एकतरफा है और राजद को इसमें शामिल नहीं किया गया। उनकी पार्टी इस फैसले से आहत है और अपने विकल्प खुले रखे हुए है। अगर बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला, तो राजद इस पर बड़ी घोषणा कर सकती है।
Jharkhand News: राजद के विकल्प खुले, बड़ा निर्णय संभव
राजद का दावा है कि वह झारखंड में 15 से 18 सीटों पर अकेले बीजेपी को हराने की क्षमता रखती है, लेकिन कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने 81 में से 70 सीटों पर खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। बाकी बची 11 सीटों में से कुछ राजद और कुछ लेफ्ट पार्टियों को दी जाएंगी। राजद इस फैसले से असंतुष्ट है और इसे जेएमएम और कांग्रेस का एकतरफा कदम मान रही है।
BJP ने जताई खुशी, इंडिया ब्लॉक के मतभेद को बताया अपने पक्ष में
इस राजनीतिक तनाव के बीच, बिहार में भी बयानबाजी तेज हो गई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने इस मतभेद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजद के रहने या न रहने से चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनका दावा है कि चाहे गठबंधन मिलकर चुनाव लड़े या नहीं, झारखंड में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
इंडिया ब्लॉक में गहरे मतभेद, BJP के लिए फायदेमंद
झारखंड की राजनीति में ये घटनाक्रम आने वाले विधानसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक के भीतर गहरे मतभेदों और संभावित टूट का संकेत दे रहे हैं, जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।