आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी Azad Gandhi ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व, विशेष रूप से लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरजेडी की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है और जल्द ही यह 2010 की स्थिति में लौट आएगी।
Azad Gandhi News: इस्तीफे का ऐलान
आजाद गांधी ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने लालू यादव को लिखे एक पत्र के माध्यम से पार्टी से इस्तीफा दिया। पार्टी के पुराने और अनुभवी नेताओं में शामिल आजाद गांधी, जो अति पिछड़ा समाज की नाई जाति से आते हैं, आरजेडी के प्रदेश महासचिव और अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वर्तमान में वे राष्ट्रीय नाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो 18 राज्यों में सक्रिय है।
नेतृत्व पर आरोप
आजाद गांधी ने पार्टी नेतृत्व की कड़ी आलोचना करते हुए कहा:
- लालू प्रसाद यादव: अक्सर बीमार रहते हैं और सक्रिय भूमिका में नहीं हैं।
- तेजस्वी यादव: नेता प्रतिपक्ष से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को घंटों इंतजार करना पड़ता है। तेजस्वी केवल उन्हीं लोगों से मिलते हैं जो महंगे कपड़े, सोने के ब्रेसलेट और हार पहनते हैं।
- जगदानंद सिंह: प्रदेश अध्यक्ष कभी कार्यालय से बाहर नहीं निकलते और पार्टी के संगठनात्मक काम में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
अति पिछड़ों की उपेक्षा: Azad Gandhi
आजाद गांधी ने पार्टी में अति पिछड़ा वर्ग के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी में अति पिछड़ों को अपमानित किया जाता है और उनकी उपेक्षा की जाती है।
आरजेडी की मौजूदा स्थिति पर चिंता
उन्होंने आरजेडी को “परिवारवाद की पार्टी” करार देते हुए कहा कि इसका प्रबंधन केवल परिवार के इर्द-गिर्द सिमट गया है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी अपनी गिरती स्थिति के कारण जल्द ही 2010 के दौर की तरह हाशिए पर चली जाएगी।
आजाद गांधी ने कहा कि पार्टी में व्याप्त घुटन और अति पिछड़ों की अनदेखी के कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।