केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh 18 अक्टूबर से बिहार में ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य राज्य में हिंदुओं को संगठित करना है।
यह यात्रा भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर से शुरू होकर कटिहार, पूर्णिया, अररिया, और किशनगंज होते हुए समाप्त होगी। इस यात्रा का मुख्य संदेश “संगठित हिंदू, सशक्त हिंदू” है, और इसमें विभिन्न हिंदूवादी संगठनों का समर्थन भी शामिल है।
Giriraj Singh ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचारों का मुद्दा
गिरिराज सिंह ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अब हिंदुस्तान इन अत्याचारों को सहन नहीं करेगा। उनका मानना है कि भारत में भी ऐसी घटनाओं की आशंका बढ़ रही है, इसलिए हिंदुओं को एकजुट होकर अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी होगी। उन्होंने बंटवारे के समय की त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि यदि उस समय मुस्लिम आबादी पूरी तरह पाकिस्तान चली गई होती, तो आज हिंदुओं की यह स्थिति नहीं होती।
रामनवमी पर पत्थरबाजी और बंटवारे का जिक्र
गिरिराज सिंह ने रामनवमी के जुलूसों पर पत्थरबाजी की घटनाओं की भी आलोचना की और कहा कि हिंदू समाज ने कभी ताजिए पर हमला नहीं किया, फिर हिंदुओं के जुलूसों पर पत्थरबाजी क्यों होती है? उनका यह भी कहना है कि अगर हिंदू बंटे रहेंगे तो कमजोर हो जाएंगे, और इसलिए संगठित होने की आवश्यकता है।
सामाजिक जागरूकता और 10,000 से अधिक लोगों की भागीदारी: Giriraj Singh
इस हिंदू स्वाभिमान यात्रा का मकसद सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी है, जिसमें हिंदुओं को उनकी सामूहिक ताकत और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस यात्रा में लगभग 10,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, और इसका प्रभाव बिहार के विभिन्न जिलों में देखा जाएगा।