’वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसी पहल की राज्यपाल ने की सराहना
गया। बुद्ध के ज्ञान की पावन धरती पर स्थित महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय 30वां राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की हम आज जो भी कर रहे हैं उन्हें दुनिया अनुसरण कर रही है।
आज हम लीडर हैं और अनगिनत क्षेत्रों में कुछ अलग करने को लेकर पूरी दुनिया में एक नई पहचान स्थापित कर रहे हैं।
इस दिशा में राज्य निर्वाचन आयोग ने तकनीकी नवाचरों के बल पर चुनाव की सुधार की दिशा में नए अध्याय को जोड़ दिया है। उन्होंने इस मौके पर ’वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसी पहल की सराहना करते हुए कहा कि तकनीकिं के बल पर ही मतदाताओं के अंदर विश्वास और स्वंत्रत मताधिकार के मूल्यों को सहज रूप से स्थापित किया जा सकता है।
राज्यपाल ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर कहा की सही मायने में बिहारी बाबू बन गया हूं।
हालांकि बिहार को लेकर अन्य राज्यों में तरह तरह की भ्रांतियां फैलाई जाती हैं। मैं भी जब बिहार आ रहा था तो कुछ इस तरह का ही सोचने लगा था, लेकिन सच तो यह है की बिहारी कहे जाने वाले देश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े मुकाम पर स्थापित है और बिहार अपनी सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर भी विश्व प्रसिद्ध है।
यहां पुरातन नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय हैं तो वहीं भगवान बुद्ध महावीर, चाणक्य, आर्यभट्ट, पाणिनी, शंकराचार्य जैसे अनगिनत विरासत, विद्वान इसी धरती से जुड़े हैं वहीं माता सीता भी बिहार की ही हैं। इन्हीं सारी पुरातन संपन्नता के साथ साथ लोकतंत्र को लेकर भी बिहार का एक समृद्ध इतिहास रहा है।
राज्यपाल ने बिहार में संपन्न स्थानीय निर्वाचनों में अत्याधुनिक नवाचारों के माध्यम से तकनीकी आधारित चुनाव करा कर फिर एक नया इतिहास कायम किया है। उन्होंने गोवा में आयोजित एक चुनाव से संबंधित कार्यक्रम को याद करते हुए कहा की उस समय संभावना व्यक्त किया जा रहा था कि चुनाव कि प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटली किया जा सकता है ताकि मतदाताओं के बीच विश्वसनीयता, पारदर्शिता और भरोसा का वातावरण तैयार हो सके, मुझे गर्व है की राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार ने उस संभावनाओं को धरातल पर उतारा है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सकारात्मक संदेश पहुंचाया है।
इससे स्पष्ट है कि कुछ भी असंभव नहीं होता।
उन्होंने ईवीएम के प्रयोग पर आशंका व्यक्त करने वाले के लिए भी स्पष्ट कहा की, परंपरागत मतदान की प्रक्रिया को ईवीएम से तुलना की ही नहीं जा सकती, इसमें किसी भी तरह की त्रुटि की संभावना ही नहीं है। उन्होंने निर्वाचन में नवप्रवर्तन को लेकर यह कहा कि क्या एफआरएस जैसी तकनीकी की उपयोगिता के साथ मतदाताओं का बूथ तक गए बिना मतदान कराने की तकनीक पर भी काम किया जाना चाहिए ताकि बूथों पर अनावश्यक भीड़ या अन्य गतिविधियों को भी नियंत्रित किया जा सके।
उन्होंने पंचायत आम निर्वाचन 2021 की डॉक्यूमेंट्री की सराहना करते हुए कहा की निःसंदेह हम मतदाताओं के लिए अलग विश्वसनीय धरातल तैयार कर रहे हैं, जिससे अन्य राज्यों के निर्वाचन आयुक्त अथवा निर्वाचन आयोग को भी बिहार की प्रेरणा लेनी चाहिए और मतदाताओं को निर्भीक होकर मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए। पहले राज्यपाल का राज्य निर्वाचन आयुक्त, बिहार डॉ. दीपक प्रसाद ने अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया। माननीय राज्यपाल के कर कमलों से दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया और सामूहिक राष्ट्रगान के साथ अन्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया जिसमें एसईसी की आम वेबसाइट का शुभारंभ, वार्षिक रिपोर्ट और (पंचायत एवं नगर पालिका आम निर्वाचन) सर संग्रह और एनुअल रिपोर्ट जैसी पुस्तकों का भी लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर अब इनलोगों को समस्त निर्वाचन संचालन में उत्कृष्ट योगदान एवं के लिए बिहार के समस्त जिला के सराहनीय सहभागिता के लिए पुलिस पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया .
इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ.दीपक प्रसाद ने राज्यपाल को आश्वासन दिया की जिस प्रकार स्थानीय निर्वाचन के दौरान नवाचारों के माध्यम से विश्वसनीय और सशक्त निर्वाचन प्रक्रिया को नई दिशा देने का प्रयास किया गया है वैसे ही ई–वोटिंग के प्रक्रिया के लिए भी कार्य किया जा रहा है जिससे मतदाताओं को बूथ पर बिना गए मतदान की सुविधा मिल सकेगी इसमे खासकर दिव्यांग, बुजुर्ग मतदाता को काफी सहूलियत मिलेगी। और कार्यक्रम का संचालन सोमा चकरवर्ती ने किया।
पहले सत्र में तत्कालीन स्थायी समिति के अध्यक्ष एवम् राज्य निर्वाचन आयुक्त दिल्ली चंडीगढ़ एस. के. श्रीवास्तव के नेतृत्व में चुनाव पूर्ण तैयारी : एक प्रीस्ट भूमि विषयक पैनल का परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें राज्य निर्वाचन आयुक्त दिल्ली चंडीगढ़ डॉ. विजय, राज्य निर्वाचन आयुक्त महाराष्ट्र उरविंदर पाल सिंह मदान एवम् एस आई ओ बिहार डॉ. राजेश मिश्रा हिस्सा लिया।
साथ ही कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए दूसरे सत्र मे मतदान दिवस एवम् मतदान के उपरान्त गतिविधियों से जुड़े विविध आयाम विषयक पैनल अधारित कार्यक्रम का संचालन के तहत तत्कालीन राज्य निर्वाचन आयुक्त बिहार ए.के चौहान, राज्य निर्वाचन आयुक्त डी.डी. एवम् डी एन एच, लक्षद्वीप, अंडमान एवम् निकोबार और लेह एवम् लद्दाख, चाणक्य लॉ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कुमार गौरव, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय गया के दिग्विजय सिंह एवम् प्रभात कुमार, कंसल्टेंट स्टेट आई. टी विभाग परिचर्चा में शामिल हुए।
इस क्रम के अन्य महत्वपूर्ण सत्र में सभी राज्य निर्वचन आयुक्त की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक भी हुई।और वही तीन दिवसीय कार्यक्रम के संध्या में संस्कृतिक कार्यक्रम के तहत बिहार गौरव गान एवम् अमर आनंद ने लोक गीत की बेह्तरीन प्रस्तुति दिया.