Hasdeo लाठीचार्ज मामला: हेमंत सोरेन ने भाजपा पर किया तीखा हमला

छत्तीसगढ़ के Hasdeo जंगल में आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज का मामला अब झारखंड में राजनीतिक रूप से गर्म मुद्दा बन चुका है।

Hasdeo: आदिवासी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की निंदा, भाजपा पर आरोप

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर भाजपा को आड़े हाथों लिया है और आदिवासी समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार को निंदनीय करार दिया है। हेमंत सोरेन ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे आदिवासियों पर लाठीचार्ज करके यह साबित कर दिया है कि वे आदिवासियों के हक और पर्यावरण की रक्षा के खिलाफ हैं।

Hasdeo: पेड़ों की कटाई का विरोध, पर्यावरण की रक्षा के लिए आदिवासियों का संघर्ष

हसदेव जंगल में हो रही पेड़ों की कटाई का विरोध आदिवासी समुदाय लंबे समय से कर रहा है, लेकिन उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन को पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ा। इस घटना ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि झारखंड और अन्य राज्यों में भी भाजपा के खिलाफ राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार और भाजपा केवल बड़े व्यापारिक समूहों, विशेषकर अदानी जैसे कॉर्पोरेट्स के हित में काम कर रही है, जिससे आदिवासियों और पर्यावरण का गंभीर नुकसान हो रहा है।

झामुमो का भाजपा पर हमला: “वनवासी” कहने पर उठाए सवाल

सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में जब जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दे पर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है, ऐसे में आदिवासी समुदाय पर्यावरण की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकारें जल, जंगल और जमीन की उपेक्षा करके आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा आदिवासी समाज को दबाने और उनके अधिकारों का हनन करने का काम कर रही है।

हसदेव जंगल का मामला पर्यावरण और विकास के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक बन गया है। 1878 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल में पिछले एक दशक से कोयला खनन के खिलाफ आदिवासी समुदाय विरोध प्रदर्शन कर रहा है। यह जंगल न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि आदिवासी समुदाय की आजीविका का भी अहम स्रोत है। हालांकि, कोयला खनन के लिए इसे खतरे में डाला जा रहा है।

हसदेव में तीन कोयला खदानों को राजस्थान सरकार को आवंटित किया गया है, जिसका आदिवासी विरोध कर रहे हैं।

झामुमो ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों के साथ अत्याचार की हदें पार कर रही है और उसे आदिवासी समाज से कोई लगाव नहीं है। उन्होंने भाजपा को “वनवासी” कहने पर भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा आदिवासी समुदाय को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही है, जिसे देश का आदिवासी-मूलवासी समाज सहन नहीं करेगा।

इस घटना ने चुनावी मौसम में भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एक नया मुद्दा दे दिया है, जो आदिवासी समुदाय और पर्यावरण के प्रति भाजपा की नीतियों को लेकर सवाल उठा रहा है।

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