Hemant Soren ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह उनकी चौथी पारी है। राज्यपाल संतोष गंगवार ने गुरुवार शाम 4 बजे रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई।
Hemant Soren की प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी
जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतीं। हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के गमलियल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों से हराया।
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शपथ समारोह में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
शपथ ग्रहण समारोह में जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव सहित इंडिया ब्लॉक के कई नेता शामिल हुए।
माता-पिता से लिया आशीर्वाद
शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने अपने पिता और जेएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचकर माता-पिता का आशीर्वाद लिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक पोस्ट के जरिए इसे साझा किया।
केवल Hemant Soren ने ली शपथ, कैबिनेट का विस्तार बाद में
हेमंत सोरेन ने इस बार अकेले शपथ ली। कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया बाद में पूरी की जाएगी। 2019 में उन्होंने तीन मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिसमें कांग्रेस कोटे से दो मंत्री शामिल थे। इस बार अकेले शपथ लेने पर सियासी अटकलें तेज हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और रणनीति
हेमंत सोरेन की जीत ने उनके नेतृत्व में गठबंधन की ताकत को और मजबूत किया है। उनकी पार्टी झारखंड की राजनीति में आदिवासी और गरीब समुदाय के लिए सक्रियता से काम करने की दिशा में जानी जाती है। शपथ ग्रहण के दौरान मंत्रिमंडल का न होना आने वाले दिनों में सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।
विपक्ष का प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को मात्र 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इससे स्पष्ट होता है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार की नीतियां अधिक प्रभावी साबित हुईं।