Ranchi: झारखंड के CM Hemant Soren ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद कैबिनेट की बैठक आयोजित की जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
इनमें से सबसे अहम निर्णय राज्य में विस्थापन आयोग का गठन है. हेमंत सोरेन ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में विस्थापित लोगों के लिए अभी तक कोई विशेष नीति नहीं थी जिसे अब सरकार बदलने का प्रयास कर रही है.
Hemant Soren सरकार करेगी विस्थापन आयोग गठित
विस्थापन आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य में विस्थापित लोगों का आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण करना होगा. आयोग यह भी आकलन करेगा कि राज्य में कितने लोग विस्थापित हुए हैं और खनन जैसी गतिविधियों के कारण लोगों ने क्या खोया और क्या पाया है. इस सर्वेक्षण के आधार पर सरकार जल्द ही एक व्यापक नीति बनाएगी जो विस्थापितों के पुनर्वास और उनके हितों की रक्षा करेगी.
सहायक पुलिसकर्मियों से अपील
मुख्यमंत्री ने रांची में धरना दे रहे सहायक पुलिसकर्मियों से भी अपील की कि धरना प्रदर्शन की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा और नए मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे अपने विभागों के कामों में तेजी लाएँ और समस्याओं का जड़ तक जाकर समाधान करें.
मंत्रिमंडल में बदलाव और हेमंत सरकार की प्राथमिकताएँ
हेमंत सोरेन सरकार ने अपने पहले कार्यकाल (जुलाई 2013 से दिसंबर 2014) में भी 12 मंत्रियों की टीम बनाई थी, जो अब फिर से दुहराई गई है. नए मंत्रिमंडल में भी 12वें मंत्री को शामिल करके सरकार ने अपने कोटे को पूरा किया है. इस बार सरकार की प्राथमिकता राज्य के विकास के साथ-साथ विस्थापित लोगों की समस्याओं का समाधान करना और विभिन्न विभागों में तेजी से काम करना है.
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सरकार का यह कदम राज्य के विस्थापित लोगों के लिए एक बड़ा राहत भरा संदेश है. विस्थापन आयोग का गठन और आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण का निर्णय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे राज्य के विकास की गति को नई दिशा मिलेगी और विस्थापितों की समस्याओं का उचित समाधान हो सकेगा.