Latehar: बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित मगध कोल परियोजना के चमातु गाँव में विस्थापित जर्जर मिट्टी के खपरैल मकान में रहने को विवस है, पिछले दिनों में लगातार हो रहे मूसलाधार बारिश में कालेश्वर साव, जिबल साव समेत कई ग्रामीण का खपरैल मकान गिरकर ध्वस्त हो गया, जिससे घर मे सो रहे परिवार बाल बाल बचे, वही कौलेश्वर साव ने बताया कि हमलोग सीसीएल के बिस्थापित है और वर्षो से इसी मकान में रहते आ रहे है लेकिन आज तक न कोई आवास मिला है ना ही विस्थापन के तहत सीसीएल हम लोगों को रहने का कोई व्यवस्था बनाया है, सीसीएल को जमीन लिए करीब पांच वर्ष हो गए इन पांच वर्षों में सीसीएल जमीन तो ले लिया लेकिन न जमीन का मुवावजा दिया है और ना ही विस्थापन के तहत रहने को घर,अब ऐसे में ये परिवार अपना आशियाना बनाय कहा…
मगध कोयलवरी के स्टॉक में लगी आग के धुंवे से ग्रामीण परेशान है, वही सरकार को राजस्व का करोड़ो का नुकसान
मगध फेज थ्री चमातु के कोयले की स्टॉक में लगी आग के धुंवे से ग्रामीणों को सांस लेने में हो रही है परेशानी, ग्रामीणों ने बताया कि सीसीएल के कोयले की स्टॉक में कई महीने से आग लगी हुवी है और गाँव से सटा कोयले की स्टॉक होने से हमलोगों को कोयले की धुंए पूरे गाँव मे घुस जाता है जिससे छोटे छोटे बच्चे एवं बूढ़े लोग को ज्यादा परेशानी हो रही है, सीसीएल द्वारा हम लोगों को विस्थापन के तहत न आवास दिया है और न ही मुवावजा ताकि हमलोग दूसरे जगह पर शिफ्ट हो सके। इधर कोयले की स्टॉक में आग लगने से सरकार को करोड़ो रूपये की राजस्व का नुकसान हो रहा है।
गावँ के विस्थापित नेता खुद का झोला भरने में है व्यस्त
ग्रामीण बताते है कि सीसीएल खुलवाने के लिए स्थानीय नेताओं ने हमलोगों को बरगलाकर जमीन दिलवाया कि सीसीएल खुल जाने के बाद आपलोगों को वो तमाम मूल भूत सुविधा दिलाएंगे लेकिन, नेता सिर्फ अपना झोली भरकर किनारे हो गए और ग्रामीण की समस्या में एक दिन भी उसका हाल जानने नही पहुँचे ।
ग्रामीण सड़क की स्थिति भी है जर्जर
ग्रामीण का कहना है कि सीसीएल अपनी उपलब्धियों का सिर्फ ए.सी कमरों में बैठकर गिनवाता है, कभी गाँव मे आकर हमारी समस्या को नही देखता अगर देखता तो ये जो ग्रामीण सड़के नदी में तब्दील दिख रही है शायद वो पीसीसी बन जाती, ग्रामीण सड़क इतना खराब है की सड़क नदी में दबदिल दिखती है।
कुवें के दुसित जल पीते है ग्रामीण
पीने के स्वच्छ पानी के लिए कई बार सीसीएल को खराब पड़े जलमीनार को बनाने को लेकर अवगत कराया गया, लेकिन बन जाने के आस्वाशन के अलावा कुछ नही मिला, आज भी समस्या ज्यो का त्यों है गर्मी के दिनों में ग्रामीण पानी को तरसते है और बारिस में बाढ़ में घुसा हुआ कुवे के पानी को पीते है। मगध कोल माइंस से करोड़ो का मुनाफा कमाने वाला सीसीएल के विस्थापित ग्रामीण जर्जर मकान एवं शुद्ध पानी को तरस रहे है। मगध कोल परियोजना ने वित्त वर्ष 2023-24 में 28.41% की वृद्धि दर्ज करते हुए 20 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया एवं इस माइंस से सीसीएल को करोड़ो रूपये की मुनाफा हो रही है लेकिन ग्रामीणों की जिंदगी आज भी जर्जर मकान एवं शुद्ध पेजल को तरस रही है।
क्या कहते हैं सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी एस सतनारायणा
जब इस संबंध में सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी एस सतनारायणा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो सीसीएल के अधीन में रोड आता है अगर वह हमारा वर्किंग एरिया में होगा तो उसपर सड़क बनाया जायेगा और अगर वर्किंग एरिया में नहीं आती है तो उसे रिपेयर किया जाएगा, रहा बात पानी का तो इसके लिए बोर प्रॉब्लम है बोरिंग के बाद बोर धस जा रहा है। सिविल इंजीनियर से चेक करवा कर पानी के लिए बोरिंग की व्यवस्था की जाएगी और घर के लिए सर्वे की जा रही है उसे भी सर्वे करवा कर शिफ्ट कर दिया जाएगा और टेंडेंसी स्टॉक जो भी हमारे यह रहती है अधिक समय तक स्टॉक रहने से उसमें समय समय पर आग लग जाती है हमलोग उसके सौलएसन के लिए भी पहल कर रहे है।
क्या कहते हैं लातेहार सदर अस्पताल के डॉक्टर विवेक
जब इस मामले पर लातेहार स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर विवेक सर से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि जो स्टॉक से जला हुआ कोयला का धुआं निकलता है। उसे अस्तमा का बीमारी हो सकता है उसका जो धुआं है अगर लंग्स में प्रवेश करता है तो जान का खतरा बन सकता है। उसे धुएं से कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल शरीर में बढ़ेगा और ऑक्सीजन का लेवल शरीर में घटेगा जिसके कारण शरीर से संबंधित कई खतरनाक बीमारी शरीर में हो सकती है। इसमें जरूरत है कि प्रिकॉशन ले ज्यादा से ज्यादा मास्क का उपयोग करें और कोशिश करें ऐसे क्षेत्र में ना रहे वहां से पलायन करें ऐसी जगह चले जाएं जहां मनुष्य को शुद्ध हवा मिले।
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