Bihar में लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ गए हैं. इस बार के नतीजों में जहां राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को बढ़त मिली है वहीं भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड को नुकसान उठाना पड़ा है.
अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर भाजपा और जदयू के वोट बैंक में सेंधमारी कहां से हुई. आरजेडी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव में बेहतर रणनीति अपनाई और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत की. वे सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ज्यादा फोकस करते हुए अपने प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने में सफल रहे.
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को इस बार 30 सीटें मिली हैं लेकिन भाजपा, जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के वोट बैंक में कुल 8.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट राजग के लिए चिंताजनक साबित हुई है.
दूसरी ओर महागठबंधन के प्रमुख दलों राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में पिछली बार की तुलना में 8.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि महागठबंधन के लिए सकारात्मक साबित हुई और उन्होंने इसे अपने पक्ष में भुनाया. इस तरह लगभग 8.50 प्रतिशत वोटों की सेंधमारी ने राजग को नौ सीटों का नुकसान करा दिया है राजग की इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं.
जैसे कि मतदाताओं की बदलती प्राथमिकताएं सरकारी नीतियों से असंतोष और स्थानीय मुद्दों का प्रभाव वहीं महागठबंधन ने अपनी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू किया और वोटरों के बीच अपनी पहुंच को बढ़ाया जिससे उन्हें इस बार के चुनाव में लाभ हुआ.
बिहार में किस गठबंधन को कितने फीसदी वोट मिले
बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को करीब 45.51% वोट मिले हैं. वहीं महागठबंधन को लगभग 36.50% वोट प्राप्त हुए हैं. इस प्रकार गठबंधन के स्तर पर राजग को महागठबंधन से करीब 9 प्रतिशत अधिक मत मिले हैं. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में यह अंतर करीब 22 प्रतिशत था जिससे स्पष्ट होता है कि राजग को इस बार नुकसान उठाना पड़ा है.
राजद को 7 प्रतिशत अधिक वोट मिले
पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को कुल 15.7 प्रतिशत वोट मिले थे हालांकि वह एक भी सीट जीतने में असफल रही थी. इस बार राजद का कुल वोट प्रतिशत बढ़कर 22.14 प्रतिशत हो गया है यानी लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही महागठबंधन के साथी दल कांग्रेस का वोट शेयर भी बढ़ा है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 7.9% वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 9.20 प्रतिशत हो गए हैं.
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि महागठबंधन ने अपने वोट प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि की है जबकि राजग को अपने वोट बैंक में गिरावट का सामना करना पड़ा है. यह बदलाव बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण संकेत देता है और आने वाले चुनावों के लिए नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है.