झारखंड में एंबुलेंस सेवाओं की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। CM Hemant Soren के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के उद्देश्य से एंबुलेंस सेवाओं को चार जोन में बांटकर व्यवस्थित करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत कॉल सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, जो आपात स्थिति में मरीजों को त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करेगा।
Hemant Soren News: चार जोन में बंटेगी एंबुलेंस सेवा
मुख्यमंत्री ने राज्य में एंबुलेंस सेवाओं को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए चार अलग-अलग जोन में बांटने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जोन में एंबुलेंस सेवाओं का संचालन एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर के माध्यम से किया जाएगा। यह कॉल सेंटर मरीजों और उनके परिवारों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
इस प्रणाली के लागू होने से राज्य के सुदूर और ग्रामीण इलाकों में भी एंबुलेंस सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। वर्तमान में, कई बार मरीजों को एंबुलेंस सेवा में देरी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस नई योजना से इन समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है।
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कॉल सेंटर की भूमिका
झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉल सेंटर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें प्रशिक्षित कर्मचारी मरीजों की कॉल को तुरंत रिसीव करेंगे और उनकी स्थिति के अनुसार नजदीकी एंबुलेंस को तुरंत सूचित करेंगे। कॉल सेंटर में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी होगा, जिससे एंबुलेंस की लोकेशन का सटीक पता लगाया जा सकेगा और उन्हें तेजी से घटनास्थल तक पहुंचाया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द योजना को लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एंबुलेंस सेवाओं में सुधार से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती मिलेगी और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं बेहतर होंगी।
ग्रामीण इलाकों में विशेष ध्यान
झारखंड के कई ग्रामीण और आदिवासी बहुल इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद कमजोर है। इन इलाकों में एंबुलेंस सेवाओं का पहुंचना एक बड़ी चुनौती है। सरकार की इस नई पहल से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
जनता को क्या होगा फायदा
एंबुलेंस सेवाओं को दुरुस्त करने से झारखंड के लोगों को कई फायदे मिलेंगे:
- आपात स्थिति में त्वरित मदद: मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
- दूरदराज के इलाकों में सेवाएं: ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में एंबुलेंस की उपलब्धता बढ़ेगी।
- पारदर्शी प्रणाली: कॉल सेंटर और जीपीएस ट्रैकिंग से सेवाओं में पारदर्शिता आएगी।
- कम होगा मृत्यु दर: समय पर इलाज मिलने से आपातकालीन परिस्थितियों में मृत्यु दर कम होगी।
Hemant Soren सरकार का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। एंबुलेंस सेवाओं को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। यह पहल न केवल राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि जनता के बीच सरकार की छवि को भी सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करेगी।
झारखंड में एंबुलेंस सेवाओं में सुधार की यह पहल राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से उम्मीद है कि झारखंड के हर नागरिक को समय पर और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। यह योजना राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत होगी।