New Delhi: भाजपा नेता Narendra Modi आगामी 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस अवसर पर एनडीए सांसदों की आज एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित हुई जिसमें सर्वसम्मति से पीएम मोदी को एनडीए का नेता चुना गया.
वर्ष 2014 और 2019 में Narendra Modi ने हिंदी भाषा में ही शपथ ली थी
इस निर्णय के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि 9 जून को शाम 6 बजे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में किस भाषा का प्रयोग किया जाएगा इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. यदि पिछले दो बार के शपथ ग्रहण समारोह को देखा जाए तो वर्ष 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी ने हिंदी भाषा में ही शपथ ली थी. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी हिंदी में ही शपथ ले सकते हैं लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे कोई बदलाव करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज की है जिसके चलते उनका फिर से प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है. एनडीए के सांसदों ने भी अपने पूर्ण समर्थन के साथ पीएम मोदी पर भरोसा जताया है. अब 9 जून को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह का इंतजार है जिसमें देश और दुनिया की निगाहें मोदी की ओर होंगी.
संस्कृत भाषा में शपथ लेने का प्रस्ताव
वर्ष 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे थे उस समय उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी से संस्कृत भाषा में शपथ लेने की मांग उठी थी. वहां की स्थानीय संस्था श्रीकाशी विद्वतपरिषद ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर देव भाषा संस्कृत में शपथ लेने का आग्रह किया था. श्रीकाशी विद्वतपरिषद ने अपने खत में लिखा था कि वे काशी के प्रतिनिधि होने के नाते संस्कृत भाषा में शपथ लें.
संस्था ने इस संबंध में एक शपथ पत्र वाराणसी के पीएमओ प्रभारी शिवशरण पाठक को मेल भी किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभाओं में अक्सर स्थानीय भाषाओं में संवाद करते रहते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक होने के कारण उन्हें संस्कृत भाषा का भी अच्छा ज्ञान है. अब देखना यह है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार भी हिंदी भाषा में ही शपथ लेते हैं या इस बार किसी अन्य भाषा का चुनाव करते हैं.
इतनी भाषाओं में ली जा सकती है शपथ
किसी भी संवैधानिक पद की शपथ संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किसी भी भाषा में ली जा सकती है. संविधान की 8वीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएं शामिल हैं. इन भाषाओं में प्रमुख रूप से अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, उर्दू आदि भाषाएं शामिल हैं. ऐसे में कोई भी व्यक्ति इन 22 भाषाओं में से किसी भाषा में शपथ ले सकता है.